शहडोल भास्कर
नगरपालिका परिषद शहडोल के रोड खोलता है विकास के पोल..?
शहडोल// संभागीय मुख्यालय शहडोल नगर पालिका परिषद। नगरी निकाय क्षेत्र के विकास के लिए लगभग 3 वर्ष चुनाव। पश्चात्।
पूरा करने के कगार में है। इसके बावजूद नगर के विकास के लिए किये गए चुनावी वादे जनता को खोखले साबित हो रहा है। शहडोल नगर पालिका में इन दिनों विपक्ष का कब्जा है।यू कहे एक दर्जन से ऊपर भाजपाई विकास की ढिंढोरा पीटने में लेगे है। नगर पालिका अध्यक्ष के इर्द-गिर्द चक्कर लगा रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कहा तो ये जा रहा है कि चुने हुए अध्यक्ष इन दिनों भाजपा के। गोद में बैठकर अपनी राजननैतिक रोटरी सेकने में। लगा हुआ है । दूसरे शब्दों में कहें तो प्रदेश शासित सरकार के गुलामी की जंजीर में नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम जायसवाल बंधे हुए है। इसी कारण से नगरी निकाय क्षेत्र के विकास के बागडोर ठेकेदारों और माफियाओं के हाथ में सौप रखा है। इतना ही नहीं नगर पालिका परिषद में पदस्थ जिम्मेदार हुक्मरन । राजशाही हुकूमत की फरमान जनता के योर भेज रहे है। आपको पता होगा सहाब के कारनामे किसी से छिपी नहीं है दो वर्ष पूर्व नगर पालिका परिषद के सीएमओ के रूप में अक्षत बुंदेला को नगरी निकाय के विकास का जिम्मेदारी नगरी प्रशासन। के द्वारा सौंपा गया था। वहीं पर विकास के नए नए आयाम लिखने की जगह सहाब के अपना अलग चलाने में लगे हुए। वह चाहें। कोर्ट कचहरी के चक्कर।के इर्द-गिर्द समय बिताने में महफूज है। नगरी क्षेत्र शहडोल के हृदय कहलाने वाले गायत्री मंदिर मार्ग से लेकर पुलिस लाइन आई जी बगला पहुंच मार्ग के बीच मे शहडोल के वरिष्ठ नागरिक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश नारायण पाठक का निवास वहीं। पर शहडोल जिले के मुख्य न्यायधीश।के निवास और आगे चलें तो। संभाग आयुक्त कमिश्नर का निवास बना हुआ है। साथ ही मजे की बात यह है कि उसी मार्ग में मध्यप्रदेश सरकार की नुमाइंदीगी करने वाले पार्टी के। जिम्मेदार भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीमती अमिता चापड़ा की निवास बना हुआ है। गौर करें रिहाइशी मार्ग की दुर्दशा इतनी खराब हो। तो आगे आम जनता के। रास्ते कैसे सुधर सकते हैं। गायत्री मंदिर मार्ग के मामले को लेकर सीवर लाइन और जियो फाइबर? के कार्यशैली ने तो नगर के लोगों को रास्ते में चलने के लिए मजबूर कर दिये है। रोड के दुर्दशा तो इस तरह से खराब हैं। जिस पर साधारण रूप से पैदल चलना भी मुश्किल साबित होता है। साथ में।शहडोल के जाने माने व्यापारियों और डॉक्टर कालोनी बना हुआ है। आप को बता दे शहर के सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले इलाका के मार्ग के योर एक नजर डालें तो। सबसे खराब स्थिति में देखने को मिलेगा। गौर करे जिन्होंने समाज के लिए संपूर्ण जीवन समर्पित देश हित में अपने पूरे जीवन।समाज को सौपा हो । ऐसे नागरिकों के लिए साधारण । मार्ग दुर्लभ है। जिनके निवास के आस-पास सामान्य रूप से चलने के लिए रास्ते नहीं बने है जबकि जिम्मेदार अधिकारियों को इस बात का जानकारी है। सोचो सहाब आम जनता का छोड़िए? सहाब जहां पर हमारे शहर के जिम्मेदार। नागरिक निवास कर रहे हो अगर उनके निवास स्थल के आस-पास चलने वाले रोड मार्ग की यह स्थिति हो। तो शहर के आम नागरिकों के जीवन शैली कैसे परिवर्तन हो सकता है। इसको! लेकर जनता को गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है
कहावत भी ठीक बैठ रहा है शहडोल के नगरी प्रशासन के कार्यशैली अनुसार
अंधेर नगरी चौपट राजा
जनता के बीच विकास के बड़े बड़े पिटारे खोलते देखकर नेताओं के। वादा को अपने शहर के विकास का सपना समझा था लेकिन भोले-भाली नागरिकों को पता नहीं था कि पूर्व समय के अनुसार शहर की स्थिति दिन प्रतिदिन और पत्तर होते। जा रहा है । चाहे नगरीय विकास में बनाए गए सोहागपुर। रोड की बात करें और चाहे आपको स्वर्ग लल्लू। सिंह चौराहा मुख्य मार्ग बाय पास से लेकर नया बस स्टैंड रोड का जिक्र करें। विकास के इस प्रकार के गंगा नगरी प्रशासन ने बहाया है जिसकी गाथाएं इतिहास के पन्ने में लिखे जा सकते हैं। सहाब। रोड तो। ऐसा बनाते हैं। जिसमें लोगों को महसूस करा देते हैं कि सहाब हम शहडोल के रोड। में नहीं चल रहे हैं। हम तो अमेरिका जैसे रोड बनाकर जनता को देते हैं। हकीकत में जिस रोड का निर्माण एक वर्ष पूर्व हुआ हो उसकी दुर्दशा को देखकर कोई न कहेगा। कि सरकार की करोडो के राशि को होलिका दहन कर दिया गया है गुणवत्ता के नाम पर कलंक है साहब? विकसित भारत के सपना दिखाने वाले चुने हुए जनप्रतिनिधि भी धृतराष्ट्र। के तरह।
आँख बंद कर बैठे हुए हैं। जिनके हाथ में सत्ता के बागडोर है उन्हें जनता की जवाबदेही से क्या लेना देना है। चाहे आप के क्षेत्र का विकास हो रहा हो या न हो रहा पांच वर्ष के लिए तो जनता ने चुनकर। राजा बना ही दिया है। आगे का। रास्ता देखा जाएगा। ऐसे में जनता का विश्वास प्रशासनिक व्यवस्थाओं और राजनैतिक नुमाइंदगी करने वाले जिम्मेदार के ऊपर से उठ जाता है और विकास के नाम में अगर रह जाता है तो सिर्फ पछतावा जिसे जनता ने अपने मत को गलत लोगों के हाथ सौंप कर। अपने क्षेत्र विकास को बाधित किये हैं?