शहडोल भास्कर
धरती में कर्मवीरों के योगदान से सर्वे भवंतु का संदेश जागृत होता है
भक्ति के पथ पर सिद्धांत का अमूल्य योगदान होता है| वक्त चाहिए सतयुग का हो या कलयुग का भक्तों का भक्ति में कोई अंतर नहीं होता
शहडोल //पथ दूर नहीं जब माता की दरबार तक भक्तों का कतर नवरात्रि के पावन पर्व पर हजारों की संख्या में पैदल यात्रा चलकर छत्तीसगढ़ के रतनपुर सुप्रसिद्ध धर्मानगरी माता महामाया जी की दरबार में नवरात्रि के पर्व में माता के दर्शन के लिए हजारों मिल चलकर सिद्धांत और विचारों के पथ पर कठोर से कठोर प्रत्न करते हुये माता रानी के दर्शन के लिए पहुंचते है ऐसे ही एक अनोखा भक्त हम सब के बीच से सम्मानित पत्रकार ज़ी न्यूज़ के रिपोर्टर पुष्पेंद्र चतुर्वेदी मां महामाया की दरबार में दर्शन के लिए भक्ति के आशा और आकांक्षाओं के साथ विराट नगरी के शहडोल धारा से सिद्धांत एवं भक्ति के रंग में रंगते हुए तीन दिवस पूर्व विराट नगरी से अपना यात्रा प्रस्थान किया था अब तक वह 115 किलोमीटर की यात्रा तय कर चुके हैं आगे उन्हें और 70 किलोमीटर मार्ग प्रशस्त करनाा है पंचमी के पावन पर्व मे पहुंचकर मां की दर्शन प्राप्त करेंगे यात्रा के दौरान श्री चतुर्वेदी के साथ में पानी का बोतल छोटा से हैंडबैग रखे हुए हैं और नवरात्रि के व्रत के साथ जल एय दूूूथ रात्रि के समय में ग्रहण करते हुए खुशहाली से मां महामाया से कामना करते हैं कि मेरे परिवार ईस्ट मित्रों और समाज को खुशहाली एवं सुखी रहे इसके लिए यह यात्रा में माता के दर्शन प्राप्त करने के लिए निकला हूं इनके द्वारा पूर्व वर्षों में भी नवरात्रि के समय मां शारदा के दर्शन के लिए मैहर धर्मानगर की ओर पैदल चलकर अपने संकल्पों के साथ जीवन के मार्ग प्रशस्त करते हैं संसार में भगवान की भक्ति और अपने जीवन को सांसारिक मोह माया और लोभ के बंधन से मुक्त कर दो-चार दिन समय निकाल कर मानव जीवन को कल्याण कृतार्थ करने के लिए हर एक प्राणी के अंदर यह प्राकृतिक साधना होता है चाहे वह समय भक्ति साथ भावनाओं में लीन होकर जीवन को कृतार्थ करें या फिर संपूर्ण जीवन सांसारिक मोह माया की बंधन में बंंधकर रह जाता है
सर्वे भवंतु सूखने सर्व शांति निरामे सर्वे भद्राणि पश्यंतु कश्चित दुख भाग्य भगवते
के साथ बहुत-बहुत शुभकामनाएं आपका यात्रा मंगलमय हो