शहडोल भास्कर
मत्स्य विभाग में करोड़ों रुपये की मछली पालन के नाम पर किया गया है फर्जीवाड़ा जिसकी कहानी शासकीय दफ्तरों के चार दिवारी के अंदर कागजों में दफन है
शहडोल// संभागी मुख्यालय में शासन द्वारा चलाई जा रहे किसानो और मध्यवर्गी परिवार मजदूरों के लिए समूह के माध्यम से अमृत सरोवर एवं निजी तालाबों में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने छोटे-छोटे समूह के गठन कर संभागीय मुख्यालय में करोड़ों रुपये की अनुदान राशि तालाब विस्तार को लेकर वैज्ञानिक तकनीकी के माध्यम से मछली पालन से बेरोजगारी और मजदूरों की आय बढ़ाने के लिए विगत कई वर्षों से शासन व्यवस्थित तरीके से क्षेत्र के विकास के बडी योगदान ध्यान रहा है संभागीय मत्स्य विभाग में अधिकारियों की आपूर्ति के कारण बिभाग के कार्य प्रभावित है| पिछले दिनों की अगर बात करें तो शहडोल मुख्यालय में जिले की ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र में लगभग 50 तालाबों में मछली का बीज छोड़ने के लिए शासकीय सुकृति और विभागीय कागजों में दर्शाया गया है| लेकिन जमीनी हकीकत क्या है| इसका खोज विभागीय जांच पड़ताल के बाद पता चलेगा |5 वर्षों में शहडोल जिले को दिए गए अनुदान राशि एवं बचत पत्र के माध्यम से किसानो और गरीबों के उत्थान के लिए समूहों के माध्यम से दिए गए तालाबों का संरक्षण शासन के पैसे से बनाए गए तालाबों में किए गए राशि की उपयोगिता को अगर देखे तो मछली पालन के नाम से बनाए गए तालाबों में आज खेती किया जाता है और उन्हीं तालाबों के नाम पर लाखों रुपये के मछली बीज छोड़ने का दस्तावेज संधारित है| संभागीय एवं जिला मुख्यालय में इन दोनों खाली पद को संभालने के लिए सामाजिक न्याय विभाग के हाथों में जिम्मा दिया गया है |जिसके पास में पूर्व से ही विभागीय कार्य बना हुआ है |बाबुओं के हाथ में है मत्स्य विभाग के जिम्मेदारी सूत्रों के माने तो पदस्थ लेखपाल मत्स्य विभाग में जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं| और मैदानी स्तर पर जुलाई माह में डाले गए बीजों की संरक्षण उनके रखरखाव और हितग्राहियों मिलने वाली योजनाओं से वंचित है और कागजों तक सीमित विभागीय कार्य को जिम्मेदारी भी मछली पालन के आला अधिकारियों के स्थान पर निचले स्तर के अधिकारी चल रहे हैं| इस पर प्रशासनिक दृष्टिकोण से यह मायने लग की जिले के विकास के लिए छोटे उद्यमी मजदूरो की समूह के जीबोंउपार्जन का मूल साधन माना जा रहा है बहर हाा ललापरवाही के कारण शहडोल में मछली पालन का व्यवसाय धीरे-धीरे काम होते जा रहा है| और शहडोल के जलस्तर तालाबों की गहरीकरण नवीन तालाब निर्माण में सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर लोगों को रोजगार की साधन बढ़े इसके लिए अधिकारियों के अफसर शाही के कारण अभी तक शहडोल जिले के मत्स्य विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की कहानी विभागीय दफ्तर के चार दिवारी के अंदर अलमारी के अंदर कागज के रुप में दफन है| इस पर मैदानी स्तर पर कार्य करने वाले अधिकारियों की कमी और विभागीय रखरखाव प्रशिक्षण समय-समय पर समूहों का निरीक्षण न होने के कारण किसान छोटे मजदूर मछली पालन व्यवसाय से हजारों कोसो दूर है इस पर जिले के प्रभारी अधिकारियों का भी रुचि साफ जाहिर नही होता है| कि अपने विभाग के कार्य छोड़कर प्रभार में अतिरिक्त विभाग की जिम्मेदारी का निर्वहन करना मैदानी स्तर पर चुनौती के समान बना हुआ है |यह बात अलग है कि अधिकारी उन सभी कार्य को पूरा दिखाने के लिए सप्ताह में कभी एक दिन प्रभार विभाग के कार्य का जांच लेखा-जोखा देखने के लिए समय निकाल सके यह सच है कि मछली पालन विभाग शहडोल के इन दोनों किसानों के हितकारी योजनाओं और मुख्यालय में अधिकारियों की प्रति कमी को पूरा करना प्रशासनिक जवाबदेही है|यह बात अलग है कि प्रशासन समय-समय पर साप्ताहिक बैठक में जिम्मेदार अधिकारियों से मासिक कार्य प्रगति रिपोर्ट को सबमिट करने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दिया गया है |उसे भी कागजों में ही पूरा कर शासन को भेजा जाता है