भाजपा के अभेद किला| जैतपुर को क्या विधानसभा चुनाव में बचा पाएंगे जयसिंह मरावी

 शहडोल भास्कर

बीजेपी ने अपने पुराने दिग्गजों पर भरोसा जताया |सीट शेयरिंग कर जीत की दमखम के साथ प्रतिद्वंदियों को मैदान में पटखनी देने के लिए है शीघ्रता से उतारा है | जमीनी हकीकत तलाशते हुए चुनावी  कवायत शुरू किया है| और जहां अपने भाग्य को आजमाने के लिए बड़े-बड़े दिग्गजों का पसीना छूट रहा है

बीजेपी के अभेद् किला कहे जाने वाले जैतपुर के बागडोर| एक बार फिर विधानसभा चुनाव 2023 के लिए |उम्मीदवार के रूप में जयसिंह मरावी के ऊपर बीजेपी ने जताया भरोसा

शहडोल//मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जहां एक योर भारत निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता लागू कर राजनैतिक दलो को सावधानीपूर्वक निर्वाचन के नियम का पालन करते हुए जनता से अपना चुनावी जनसभाओं के माध्यम से चुनाव लड़ने को लेकर  मौका  दिया है वही मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने 230 सीट वाले विधानसभाओं के चौथा सूची जारी कर बिंन्ध क्षेत्र के शहडोल जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र में से दो विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों का नाम का घोषणा कर दिया है और बहरहाल टिकट के मांग करने वाले अन्य सभी उम्मीदवारों की सांसे थम गई है| भारतीय जनता पार्टी एवं शहडोल संभाग के आदिवासी नेताओं में से सबसे वरिष्ठ नेताओं की समिकक्षा में आने वाले ज्ञान सिंह के बाद  एक और नाम है जिन्हें अब इस बार से भीष्म पिता की दर्जा दिया जा चुका है आप सोच रहे होंगे की महाभारत काल की पुरोधा और सत्यवादी गंगा पुत्र तो  नही पहुच गये जैतपुर ऐसे  व्यक्तित्व के धनी जयसिंह मरावी है जिन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन काल से राजनीति में आने के बाद भारतीय जनता पार्टी को शिक्षा का मंदिर और क्षेत्र के जनता को भगवान के समान पूजने का कार्य किया  है|यही बजह है कि अलग-अलग सीट से पांच बार विधायक रहे| जयसिंह मरावी हर बार  विधानसभा चुनाव में विजय का परचम पहरा  फहर कर जनता से आशीर्वाद प्राप्त कर क्षेत्र के विकास के लिए सक्रिय रहे राजनीतिज्ञ का मनना हैै सत  प्रतिशत कार्य करने वाले नेताओं के लिए जनता से लेकर पार्टी में ठीक चुनौतीपूर्ण समय रहता है| समय के साथ करवट बदलने वाले नेताओं में से एक नाम जयसिंह मरावी का भी है जिन्होंने समाज को समय के साथ दशा देखकर दिशा परिवर्तन करने का कार्य किया   हैै इसी कारण जयसिंह मराबी को एक बार फिर अपने ग्रह क्षेत्र जैतपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवार के रूप में उतारा है| और सीट को हथियाने के लिए दव खेला है| और विधानसभा के चुनाव को जितना कोई साधारण बात  समझ रहे है  उतना ही भाजपा के लिये कठीन है जहां भारतीय जनता पार्टी जैतपुर विधानसभा क्षेत्र से अन्य कार्यकर्ता को टिकट के मांग को लेकर हर्ष उल्लास का माहौल देखने को मिल रहा था| तो वही युवा पीढ़ी के पसंदीदा चेहरा दर्जनों कतर में खड़े थे जिन्हें दरकिनार कर पार्टी ने जो निर्णय लिया है इससे कहीं ना कहीं पार्टी को नुकसान फायदे का खामियाजा भुगतने पड़ेंगे भाजपा नेताओं को अपने मार्गदर्शक जयसिंह मरावी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे या फिर बगावत के स्वर पर जैतपुर इस बार भाजपा के हाथ से कांग्रेस के परचम लहराएगा जानकारो के माने तो जैतपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी भले ही पूर्व विधानसभा का चुनाव कुछ अंतराल मतो से से जीत हासिल किया हो |इस बात को लेकर भाजपा और स्थानी जन गरबांवित हो रहे हैं |लेकिन जैतपुर का चुनाव जीतना भाजपा के लिए टेढ़ी खीर के समान है| पूर्व चुनाव 2018 में जहां जैतपुर में कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार उमा धुर्वे को बनाया गया था वह चुनाव जीतना भाजपा के लिए सिर दर्द बन गया था | आपको बता दे याद करना दिलचस्प है भाजपा के बड़े से बड़े महारथी सभी दाव पेच खेलने के बावजूद भी जैैपुर विधानसभा क्षेत्र में उमा बहन के इकलौता जनाधार के सामने भाजपा ने लगभग 7700 मतो से जीत हासिल किया था| गौरतलाप है कि भाजपा को भले ही जैतपुर का चुनाव सरल दिखाई दे रहा हो| लेकिन वर्तमान में बुढार जनपद पंचायत के नवनिर्वाचित जनपद अध्यक्ष के पद पर उमा धुर्वे का डंका बज रहा है |तो वही क्षेत्र के जनता जय जयकार कर रहे हैं |सही अगर बात करें जैैपुर के नेताओं की तो सत्य है कि पूरे जिले के अंदर जैैपुर के नेताओं के लिए भारतीय जनता पार्टी  मेें लॉटरी खोलकर रखा है वह सभी भाग्यशाली नेता है जिन्होंने जमीनी स्तर के राजनीति जैतपुर आदिवासी अंचल से शुरुआत करते हैं |और संभागीय मुख्यालय में अपना डंका बजाते हैं इसी कारण से भाजपा क्षेत्रीय स्थानीय आदिवासी नेताओं के अधिकारों का हनन कर भाजपा के अभेद किला जैैतपुर को हाथो हाथ लेकर में जिले के राजनीति का बागडोर विधानसभा चुनाव 2023 का का निर्णय लिया है| देखना यह होगा कि भारतीय जनता पार्टी के इस निर्णय से जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों नेताओं में से भाजपा से ही चुने गए तीन पूर्व विधायक भी इस बार टिकट के दौड़ में रहे ऐसे ही दर्जनों और कार्यकर्ता है जिन्होंने जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र संभागीय मुख्यालय से अपना राजनीति शुरू किया था और उनका राजनीति आज समाप्त होते दिखाई दे रहा है| जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी नेताओं ने भले ही भाजपा के बढ़ते कद का विरोध ना करें लेकिन क्षेत्र के जनता अपने क्षेत्रीय नेताओं और जनता से जुड़े जन समस्याओं के आवाज को लेकर क्षेत्र के बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर के राजनीति करने के लिए गली मोहल्ले और झुग्गी झोपड़ियां से निकलकर विधानसभा के द्वारा तक जनता के सुख दुख और सामाजिक के तना-बना को रख रखाओ करने वाले विधानसभा के हृदय नेताओं के कर्मभूमि जयसिंहनगर के राजनीति में जनता के बीच अपना हम पकड़ बनाकर जनता के आवाज को भाजपा के आवाज बनकर   जयसिहनगर विधानसभा मेें चुनकर गये है और सीमावर्ती कुंनुक नदी से लेकर चुंदी नदी जयसिंहनगर के सोन नदी के आसपास के कार्यकर्ताओं ने पुरजोर प्रयास कर भाजपा को 2003 जैसे हालात में जीत हासिल कर सरकार बनाने का कार्य किया था ऐसे कार्यकर्ताओं के उपेक्षा कर भारतीय जनता पार्टी ने जिस कदर से अपने छेत्री नेताओं का टिकट काटकर दूसरी बार संभागीय मुख्यालय में भाजपा का परचम लहराने का कार्य किया है इससे कहीं ना कहीं कार्यकर्ताओं और आदिवासी नेताओं के अंदर आक्रोश का माहौल देखने को मिल रहा है |भाजपा के इस रणनीति से जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र भाजपा के लिए चुनौती भरा समय है जहां पार्टी के कार्यकर्ता अंदर ही अंदर पार्टी के निर्णय को धारण करना शायद अपना मजबूरी समझ रहे देखना यह होगा कि आने वाले समय में भाजपा के सभी वर्ग एक साथ खड़े होकर विधानसभा चुनाव के तैयारियो को लेकर एकजुट होते हैं| या पार्टी से ही बगावती सुर अलपकर बागी राजनीति की डंका बचाएंगे जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र में इस बार जैतपुर के विधायक श्रीमती मनीष सिंह को उम्मीदवार बनाया है और जिनका सरोकार जैतपुर के ग्राम पंचायत टिकुरी के निवासी हैं ऐसे में भाजपा संभागीय मुख्यालय जयसिंहनगर में कार्यकर्ताओं और जनता के बीच चुनाव को दिलचस्प बनाने का कार्य किए हैं| यह बात अलग है कि कांग्रेस के नीतिगत व्यवस्थाओं के कारण भाजपा लहर में सभी का नया पर हो जाता है इसका भी उदाहरण पूर्व विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव में देखने को मिला है| देखना यह होगा कि पार्टी की इस निर्णय से बढ़ते कद को कितना फायदा मिलता है और कितना नुकसान होता है फिलहाल वक्त के साथ बदलते राजनीति के परछाइयां के योर उम्मीदवार अपने भाग्य  को भविष्य के घड़ी के साथ कार्यकर्ताओं के बीच सकारात्मक पहल के साथ चले जिससे पार्टी और अपना नाम मान सम्मान बचाने के काबिल हो सके और जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर उम्मीदवार अपने-अपने पार्टी के रणनीति व्यवस्थाओं के आधार पर चुनाव लड़ कर परचम लहरये ऐसा इस क्षेत्र के जनता का आकांक्षा और मनसा है| जिससे आने वाले समय में सरकार को कहीं ना कहीं संभागीय मुख्यालय से सीधे पूरे जिले का विकास कार्य का लाभ जन जन को प्राप्त होता है


Post a Comment

0 Comments