व्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी से प्रत्याशियों के बीच में टिकट मांग को लेकर लगा होड

 शहडोल भास्कर

  जिला पंचायत चुनाव में जमानत जप्त कराने के बाद करारी हार के सामना करने वाले कांग्रेसी नेता मांग रहे हैं |पार्टी से विधानसभा के टिकट

शहडोल //विधानसभा क्षेत्र व्यौवहारी से कांग्रेस टिकट के दावेदारी करने वाले में से ऐसे भी प्रत्याशी  सामने आ रहे हैं |जिन्हें जिला पंचायत में अपना जमानत बचना मुश्किल दिखाई दे रहा था| बहरहाल अपना जमानत जप्त कराने के बाद भी अपने आप को विधानसभा क्षेत्र के गद्दार नेता और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व करने वाले में से माने जाने वाले रामलखन सिंह अब 2023के विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर जनता के बीच जन आधार साबित करते हुए जन-जन तक मिलने जा रहे हैं|और पार्टी का निर्णय क्या होगा वह वक्त तय करेगा लेकिन करारी हार के बाद जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र के विकास के लिए अगर टिकट मिलता है तो क्या व्यौहारी विधानसभा क्षेत्र के राजनीति में परिवर्तन लाएंगे या कांग्रेस पार्टी को व्यौहारी से करारी हार का सामना करना पड़ेगा| सूत्रों के मानना है कि रामलखन सिंह इस बार केंद्रीय चुनाव समिति से लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के इर्द-गिर्द जमावड़ा बनकर बैठे हैं और टिकट का गुहार लगा रहे हैं जनता के बीच उनका कितना पकड़ है यह तो उनके क्षेत्र के जनता तय करेगा और या तो उनके कार्यशैली जिसके  लिये सेवाएं चुनावी रणनीति के तौर पर अपने आप को चाणक्य समझने वाले रामलखन को पार्टी टिकट देता है |या बाहर का रास्ता दिखाता है यह वक्त तय करेगा अपने पार्टी के बड़े  नेताओं के सामने अपने ही क्षेत्र से टिकट मांग कर कम प्रतिशत चुनाव में हार का सामना करने वाले प्रत्याशी कितना राजनीति में सक्रिय है|और कितना जनता के हित में खड़े होते हैं| यह बात अगर क्षेत्र के जनता से जाकर पूछा जाए तो इस से महसूस होता है कि कांग्रेस में टिकट के होड्  लगा कर खड़े  हैं लेकिन टिकट देना या ना देना पार्टी तय करता है जिससे व्यौहारी विधानसभा क्षेत्र जैसे सीट को बचाना कांग्रेस के लिए चुनाव नहीं चुनौती है क्या जिला पंचायत चुनाव में 962 वोट पाने वाले प्रत्याशी को कांग्रेस देगी व्यवहारी विधानसभा का टिकट शहडोल जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 5 से चुनाव लड़ने वाले 15 प्रत्याशियों में से रामलखन सिंह 14 में स्थान पर रहते हुए 962 वोट प्राप्त किए थे जो की 1000 के आंकड़े से भी कम वोट है । अब पश्न यह उठता है की ब्योहारी विधान सभा चुनाव को जीतने के लिये 78000 से ज्यादा मतो की जरूरत पड़ेगी । मनन करने वाली बात यह है की अगर संगठन के कुछ लोग समर्थन करते भी है । तब भी तो प्रत्यासी को विधान सभा चुनाव मे वोट पाने के लिये जनता के बीच लोकप्रियता जरुरी है।

और पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस पार्टी का खुलकर विरोध करने वाले और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के समर्थन में विधानसभा व्यौहारी में प्रचार करने वाले आज कांग्रेस पार्टी में संगठन मंत्री के पद पर विराजमान हैं और उनकी सोच के अनुसार रामलखन सिंह को टिकट मिलने पर कांग्रेस भारी मतो  से व्यौहारी विधानसभा का चुनाव हार सकती है ।भले ही जनता के बीच रामलखन सिंह लोकप्रिय अपने आप को साबित कर रहे हैं लेकिन लोकप्रियता दूर से ही झलकता है। 

परंतु आज जनता के द्वारा कांग्रेस पार्टी से एक महत्वपूर्ण प्रश्न पूछा जा रहा है की जो कल तक कांग्रेस पार्टी का विरोध कर रहे थे क्या उनके कहने पर आज कांग्रेस पार्टी को गैर जनमत के प्रत्याशी को जो की जिला पंचायत जैसे चुनाव में 962 वोट प्राप्त किए हो उसको विधानसभा जैसे महत्वपूर्ण चुनाव में लड़ना उचित रहेगा । 

कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा बताया गया है कि व्यवहारी में जो कांग्रेस पार्टी का कार्यालय था उसमें कांग्रेस के संगठन मंत्री संतोष शुक्ला जी के द्वारा आज तीन मंजिला भवन बनकर कब्जा कर लिया गया है।


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