कपिलधारा निर्माण अधूरा होने के कारण किसान का फसल हो रहा है नुकसान| कैसे करेगा परिवार का भरण पोषण

 शहडोल भास्कर


=ददन सिंह का कपिलधारा=

कपिल धारा कूप निर्माण सरकारी योजना से.बनाया जा रहा है| किसान हो रहे हैं राक्षसों का शिकार|अधूरा कूप के कारण किसान काखेती से उद्यम कैसे पालेगी परिवार 

प्रदेश सरकार इन दोनों किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए अपना सर्वस्व लूटने के लिए मैदान पर है| वह चाहते हैं  किसान सम्मान निधि का मामला हो और किसान सम्मान निधि का मामला हो और किसानों की खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान अपने आप को किसान के बेटे कहने में कोई गुरेज नहीं रखते| और किसानों के बीच में उनके जनाधार  चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद भी यथावत है |भले ही प्रदेश सरकार किसानों के धान खरीदी से बोनस की राशि को हटा दी हो लेकिन कृषकों की ममता आज भी शिवराज के प्रति सहानुभूति के रूप से यथावत है | सींच को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के माध्यम से किसानों तक अपनी जगह बनाई। पुर्जोर कोशिश करते चले आ रहे हैं |हम आपकी खबर का स्वागत कर रहे हैं| पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय मध्य प्रदेश शासन के जिला पंचायत शहडोल की ओर से| किसानों को सन वर्ष 2022-23 में कपिलधारा निर्माण योजना अंतर्गत जनपद पंचायत गोहपारू ग्राम पंचायत महरोई में युवा किसान ददन सिंह को 278000 की लागत से सुकृत कपिलधारा निर्माण का ऑर्डर प्राप्त हुआ था |किसान ने अपने घर से कड़ी मेहनत और गाढ़ी आय के रूपयो से कपिलधारा को पूरा करना चाहा लेकिन प्रशासन की जिम्मेदारी ग्रामीण अधिकारी और ग्राम पंचायत सचिन श्री चंद्रप्रताप दुवेदी हो या  रोजगार सहायक चंद्रिका साहू के कारण किसान के कपिलधारा आज भी अधूरी है और किसान के हित से दूर है| किसान ने आरोप लगाया है कि निर्माण कार्य में स्थानीय कृषकों द्वारा मेरे कार्य को छोड़ दिया गया है, जिसके कारण आज भी यह अधूरा है और ग्राम पंचायत के अधिकारियो ने भी सामग्री विघटित कर दी है, अगर पानी होता तो धान की दूरी से उनके परिवार का भरण-पोषण पोषण महानुभाव से हो सकता था लेकिन समय से पूरा न होने के कारण किसानों को नुक्सासा उठाना पड़ रहा है | इस मामले को लेकर पंचायत ग्राम के सरपंच सोमनाथ सिंह से बात की गई तो उन्होंने जानकारी दी कि यह काम पुराना है और इसकी कोई जानकारी नहीं है कि किसान को कितनी राशि मिली और कितनी बाकी है यह सत्य है कि कपिल धारा पूरी हो गई है तो किसान की खेती सभी मामलों में नुकसान नहीं हुआ, अगर एक बार गहनता से अध्ययन किया जाए तो महात्मा गांधी राष्ट्रीय बेरोजगार महासभा योजना के तहत कपिलधारा निर्माण को सुकृति सीमा प्रदान की गई थी, समय पर आकलन प्रतिवेदन ना होने के कारण कपिलधारा अधूरी स्थिति में चिख तस्वीर दिखाई दे रही है| इस बात का प्रमाण दे रहा है कि ग्राम पंचायत में चल रहे किसानों के पहले अवशेष पर एक निशान है छत्तीसगढ़ सीमा से लगे अंतिम छोर पर इस ग्राम पंचायत के राज में अगर अधिकारी जांच करें तो पता करें कि जिले के एक किले पर से ऊपर सुत्तौ के माने तो पंचायत ग्राम महरोई में लगभग 1 करोड़ से अधिक की लागत से पंचायत एवं ग्रामीण विकास एजेंसी के द्वारा सुकृति की स्थापना की गई है जिसमें खनिज प्रतिष्ठा से लेकर तीन क्रिमिनल वॉल अन्य मैड नाली का निर्माण और ढांचा बनाया गया है| इन सभी कार्यों को यदि एक बार निरस्तार्थ दृष्टान्तगत रखा गया तो प्रशासन द्वारा वास्तविक में जिस कार्य के लिए राशि चक्र का प्रावधान किया गया उनके कार्य की सदुपयोगिता का आधार स्तर पर गुणवत्तापूर्ण सही सामग्री का विवरण दिया गया है और पेज के दस्तावेजों का आकलन देखने पर यह पता चल जाता है कि सांख्यिकी क्या है, पूरे क्षेत्र में गरीबो कोआजीविका को प्रशासन के जन नेता बनाने वाले हैं अपने जीवोपार्जन के तलाश में खुद निकल पड़े हैं और ग्राम पंचायत के पंजीकरण को तरते का कार्य कर रहे हैं| इस पर प्रबंधन का क्या विधायी निकाय नीति वाम निर्माण कार्य में वस्तु स्थिति का मूल्यांकन अनुपात का मूल्यांकन और सामुदायिक दृष्टिकोण से प्रतिवेदन के प्रति सकारात्मक जिम्मेदारी वाले जिले पंचायत गोहपारू के मुख्य कार्यपालन अधिकारी वेदमणि मिश्रा का जवाब क्या है| यह वह खुद भली हैं जो जानते हैं | भले ही सरकार ने अंतिम वर्ष में बैठे लोगों के हित में खनिज प्रतिष्ठा से नवनिहाल छात्रों के लिए आवेदन किया है, लेकिन ट्रायल वॉल स्कूल भवन निर्माण के लिए राशि उपलब्ध नहीं है। ज़मीनी हकीकत क्या है आपके कार्य व्यवहार को समझ जाएगे कि संरचनाओं के भवन में अवशेष से लेकर अधिकारियों के पात्र हैं|शासन के विशाल राशि को ओरा नेरा करने में जुड़े हुए हैं घास रहे हैं कहा जाता है प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार ग्राम पंचायत के सरपंच है और सरकार हमारी तो डर किस बात की| आईएनजी वह नवस्कूल का एक सारथी का परिचय छत्तीसगढ़ से लागे सीमा क्षेत्र में जनजातीय क्षेत्र के ग्रामों में बनाया जा रहा है। पंचायत के भोले भाले, जनता के अधिकार के साथ प्रशासन के साथ, आदिवासियों के अधिकारी कैसे खेल सकते हैं | ग्राम पंचायत के कारखाने राज अधिनियम 1993 के प्रावधानों को ख़ारिज कर दिया गया है |और नागरिकों की आवश्यकता को दूर कर दिया गया है| गौरव बनायें सत्य के हित ने जनता के अधिकार को नव निहाल बच्चों के जे

 की राशि को डिजाइन करने के लिए हजारों उपाय तलाशने में कामयाब हो रहे हैं | कौन नायक है ग्राम पंचायत महरोई के जनता त्रास मम के नारा लगा कर शासन से न्याय की मांग कर रहे हैं


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