जिले में चल रहा है अवैध रेत उत्खनन पर्यावरण के नियम कानून को माफिया दे रहे हैं चुनौती कार्यवाही करने से प्रशासन बिफल

 शहडोल भास्कर/

जिले में चल रहा है अवैध रेत उत्खनन| पर्यावरण के नियम कानून को माफिया दे रहे हैं चुनौती

|कार्यवाही करने से प्रशासन विफल

पर्यावरण जलीय जीव जंतुओं के संरक्षण को लेकर उनके प्रजनन पखवाड़े अवधि 15 जून से 25 अक्टूबर तक ध्यान में रखते हुए एन जी टी एवं पर्यावरण नदी में पल रहे जीव जंतुओं के संरक्षण हेतु वर्षा ऋतु में रेत के उत्खनन पर सरकार को रोक लगाने का निर्देशित करता है | जिले में इन दिनो अवैध उत्खनन चर्म पर है जिले के संवेदनशील कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य के निर्देश के बाद भी नदी नालों से अवैध तरीके से रेत का उत्खनन किया जा रहा है इस पर जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षक करना जिले के खनिज विभाग के अधिकारियों का है| लेकिन खनिज के सहब इन दिनो कुम्भकर्णी निद्रा में सो रहे |जिले से लगे समीप थाना गोहपारू अंतर्गत लामर बरम बाबा गोडना नदी और लोढी घाट चुदी नदी कुनक नदी के महुआ टोला घाट और गोडारू देवरी नं एक के आस-पास नदियो से रेत माफिया रात्रि की अंधेरे में रेत का अवैध खनन संचालित किया जाता है सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी से यह साफ होता है कि नजर हटा और घटना घटा की कहावत देखने को मिल रहे हैं यह कोई कहानी नहीं है लोगों के ऊपर आप बीती दुर्दशा का एक दृश्य है बिगद दिवस ग्राम पंचायत पत्थर के ग्रामीणों के साथ रेत माफियाओ ने रात के अंधेरे में रोकने के कारण जान से मारने की धमकी देते हुये ताबड़तोड़ मारपीट किया गया और बाद में ग्रामीणों के साथ थाना गोहपारु मे बैठ कर माफियाओ के सरगना न्युमंदगी करने वाले ग्रामीणों का शिकायत भी दर्ज नहीं करने दिए संवेदनशील शिकायत मामलों को लेकर थाना प्रभारी की लापरवाही से यह साफ जाहिर होता है |कि थाना क्षेत्र में चल रहे अवैध उत्खनन को रोकने में प्रशासनिक तंत्र फेल है |और माफिया कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं| आदिवासी अंचल गोहपारु में तहसील स्तर की कार्यपालिक मजिस्ट्रेट तीन तहसीलदार मौजूद है इसके बावजूद भी क्षेत्र में गैर कानूनी रास्ता अपनाकर रेत उत्खनन संचालित हो रहे हैं |कौन है जिम्मेदार जिसके क्षेत्र के जनता परेशान है रात्रि के समय में प्रधानमंत्री मार्ग से किसानों के खेत लगे फसल के बीचो-बीच रेत के गाड़ियां परिवहन करता है इस पर अंकुश लगाना किनका जिम्मेदारी है इसे तय करना जिले के संवेदनशील उच्च स्तरीय अधिकारियों के विवेक स्तर पर निर्भर करता है |संवेदनशील नहीं है क्षेत्र के जन प्रतिनिधि मैदानी स्तर मे चल रहे गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने में प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलकर सेतु के समान सहयोग करने की वजह रेत माफियाओं को बढ़ावा देने में नुमांइदगी करते हैं| आज भले ही गोहपारु थाना प्रभारी आज भले ही रेत से भरे दो ट्रैक्टर जप्ती कर कार्यवाही के नाम पर उच्च स्तर के अधिकारियों के बीच अपना पीठ थपथपाने के लिए दिखावा कर रहे हो| रात्रि के अंधेरे में चल रहे रेत अबैध खनन को रोकने में बिफल साबित हुए है| क्षेत्र के नागरिक इसकी अपील जिले के संवेदनशील पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक को दूरभाष के माध्यम से अवगत कराने के बाद कार्यवाही सुनिश्चित हो सका है यह रेत चोरी का खेल कोई आज नई नहीं चल रहा है यह खेल वर्षों से क्षेत्र में संचालित है जिस पर प्रशासनिक अधिकारियों का बड़ी-बड़ी कार्यवाहियो के साख में बट्टा लगाने का कार्य करते है रेत की अबैध उत्खनन के एक तस्वीर समाज की ओर अग्रसर है जिसे देखकर कानून व्यवस्था और शासन की नीति और नियत में कितनी सच्चाई है इससे साफ जाहिर होता है कैसे मिलेगा अंतिम छोर में बैठे आम जन को न्याय शासन के राजस्व का चोरी गैर कानूनी तरीके से करने वाले अपराधियों के विरुद्ध क्या..? कार्यवाही होगा यह भी आदिवासी अंचल के लोगों के लिए प्रश्न चिन्ह बनकर रह जाएगा खनिज विभाग के क्षेत्र प्रभारी उत्खनन के प्रति संवेदनशील नहीं रहे हैं इस कारण चल रहे अवैध खनन को रोक पाने के लिए खनिज विभाग के अधिकारी असफलता का सामना करना पड़ रहा है|


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