शहडोल भास्कर
शहडोल //एकता यात्रा 29 मार्च से अमरकंटक पावन नगरी नर्मदा जल कलश पूजन, राम दरबार का पूजन एवं कामतानाथ के पूजन कर पावन नगरी से विधि विधान से प्रारंभ हुई, जो की व्यौहारी से 30 मार्च से लेकर 7 अप्रैल तक शहडोल संभाग के लगभग 40 स्थान में पहुंची, जहां भव्य स्वागत, नगर भ्रमण ,शोभा यात्रा, चुनरी यात्रा इत्यादि का आयोजन किए गए, साथ में सैकड़ो जगह यात्रा का स्वागत अभिनंदन किया गया ,यात्रा में संत महात्मा के रूप में श्रीमान उदय आनंद महाराज जी महेश्वर वाले नर्मदा पुराण कथा वाचक, उमेश दास महाराज इस्कॉन उज्जैन से, यात्रा के संयोजक जेपी साहू जी, वाल्मीकि जी और उनकी यात्रा की टीम संपूर्ण संभाग में चली
सनातन एकता यात्रा संपूर्ण संभाग राम वन गमन पथ, पांच पांडव स्थल एवं आस्था के मुख्य केंद्रो होकर निकली जो की जन जागृति रामवन गमन पथ को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जनजागृति के लिए यात्रा की गई, यात्रा का मुख्य उद्देश्य चित्रकूट से जब श्री राम भगवान मध्य प्रदेश के मैहर, ग्वारीघाट ,उमरिया, दशरथ घाट ,शहडोल अमझोर के पास गंधिया सीतामढ़ी रेउसा केशवाही के पास सीतामढ़ी जरा टोला, खोडरी पंचायत, तत्पश्चात अमरकंटक एवं पेंड्रा गौरेला होकर के सिबरी नारायण मंदिर की जानकारी सभी को विदित है भारत सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार रामवन गमन पथ लगभग सभी को पता है परंतु शहडोल संभाग में राम वन गमन पथ के सभी कुछ होने के बाद भी राम भक्तों को जानकारी नहीं होने की वजह से आज राम वन गमन पथ वीरान पड़े हैं ऐसी दशा में जन जागृति के माध्यम से लोगों को जन जागृति कर पावन धाम का विकास एवं भक्तों की संख्या अधिक से अधिक वहां पहुंचे, इस हेतु सनातन एकता यात्रा का कार्यक्रम व्यौहारी शहडोल संभाग मारकंडे नगरी से प्रारंभ होकर अमझोर गधियां सीतामढ़ी से होकर एवं जैसीनगर क्षेत्र नगर में सनातन एकता यात्रा का शोभा यात्रा करते हुए खनौधी, सरसी एवं गोहपारू में नगर भ्रमण करने के पश्चात सिंहवाहिनी भाटिया मंदिर में चुनरी भेंट करने के पश्चात केसवाही में मरखी देवी मंदिर में चुनरी भेंट करने के बाद कोतमा के कई बड़े मंदिरों में चुनरी भेंट कार्यक्रम एवं नगर भ्रमण किया गया, साथ में सीतामढ़ी जररा टोला खोडरी पंचायत कोतमा तहसील में नगर भ्रमण किया गया एवं रेउसा जहां राम जी लगभग लंबे दिनों तक रहे हैं जोकि 10 एकड़ के अंदर भूभाग पर भगवान के चरण पादुका चरण चिन्ह बड़ी मात्रा में देखने को मिलते हैं भगवान राम जी का सैया लक्ष्मण सैया, सीता सैया, हनुमान जी की प्रतिमूर्ति सब कुछ अलग आनंद देता है सब कुछ देखने के बाद ऐसा लगता है कि दूसरा चित्रकूट का नया निर्माण किया जा सकता है तुररा धाम एवं बिजुरी नगर का नगर भ्रमण कार्यक्रम किया गया ,कई जगह चुनरी चढ़ाई गए, यात्रा आगे बढ़ते हुए पश्चात अनूपपुर के कई मंदिर में चुनरी भेंट किया गया, वरगमा के हनुमान मंदिर में भी पूजा पाठ किया गया तत्पश्चाप धनपुरी में ज्वालामुखी मंदिर में लगभग 3 किलोमीटर लंबी चुनरी यात्रा निकालकर युवाओं ने जोश दिखाते हुए कार्यक्रम आयोजित किया, तत्पश्चात बुढार के अमलाई चौक से राम जानकी की मंदिर तक नगर भ्रमण हुआ उसके पश्चात लखवारिया धाम पांच पांडव स्थल में स्वागत एवं पूजन सुंदरकांड का पाठ आयोजित किया गया, तत्पश्चाप सिंहपुर की काली मंदिर में पडमनिया खुर्द से लेकर सिंहपुर तक 4 किलोमीटर लंबी चुनरी यात्रा निकाल करके काली माता मंदिर में चुनरी भेंट की गई, जनजागृति का कार्यक्रम किया गया, तत्पश्चात यात्रा उमरिया जिले में प्रवेश करने के बाद ज्वाला उचेहरा धाम में हजारों की संख्या में सनातनियों ने चुनरी भेंट कार्यक्रम किया जहां ज्वाला धाम की समिति ने सनातन एकता यात्रा की टीम का भरपूर स्वागत एवं सम्मान किया, तत्पश्चात नौरोजाबाद में सुंदरकांड का पाठ का आयोजन एवं कई स्थानों में यात्रा का स्वागत अभिनंदन किया गया, तत्पश्चात शाम को बिरासनी देवी मंदिर में चुनरी भेंट कार्यक्रम सैकड़ो की संख्या में सनातन के साथ किया गया जहां बिरासनी सेवा समिति द्वारा सनातन एकता यात्रा टीम का भरपूर सम्मान किया गया, यात्रा आगे बढ़ते हुए उमरिया में काली मंदिर से सागेश्वर धाम तक यात्रा निकाली गई, पूजन पाठ किया गया, मानपुर में स्वागत एवं सुंदरकांड का पाठ आयोजित किया गया, दशरथ घाट जहां राम जी* *वनवास के दौरान जानकारी मिली कि उनके पिताजी स्वर्गलोक गमन हो गया है उन्होंने वनवास में रहते हुए नियम को ना तोड़ते हुए सोन जोजिला संगम पर ही पिंडदान कर दिया था जिसके कारण आज उसे जगह का नाम दशरथ घाट है पूजन अर्चन का कार्यक्रम हुआ, राजा दशरथ की मंदिर की समिति से मुलाकात किया गया एवं स्वागत हुआ, तत्पश्चाप शहडोल की कंकाली मंदिर में 20 मीटर लंबी चुनरी भेंट कार्यक्रम हजारों की संख्या में साथियों के माध्यम से किया गया, 7 अप्रैल शहडोल नगर यात्रा पहुंची जहां हनुमान मंदिर घरौला मोहल्ला से लेकर दुर्गा मंदिर तक चुनरी 40 मीटर की चढ़ाई गई ,साथ में राम जानकी मंदिर तक पहुंच करके सभी यात्रा में चल रहे साथियों का राम जी की प्रतीक चिन्ह देकर कार्यक्रम को संपन्न किया गया