शहडोल भास्कर
शहडोल जिले के भाजपा खेमे में आपसी गुटबाजी को लेकर अंदर ही अन्दर मचा घमासान ..?
संपादक = राजबहोर यादव
शहडोल भास्कर// विश्व स्तर के राजनैतिक दल। भारतीय जनता पार्टी इन दिनों अपने संगठनात्मक। विस्तार को लेकर पार्टी चुनाव निर्वाचन से अपने ही कार्यकर्ताओं के बीच में। पार्टी के नियमावली आदेश निर्देशों को लेकर घिरा हुआ है। राष्ट्रीय स्तर से लेकर शक्ति केंद्र।बूथ स्तर तक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता वरिष्ठ से लेकर कनिष्ठ जन आपस में एक-दूसरे के ऊपर। भारी पड रहे..?
शहडोल जिले में। मंडल अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद अब जिले में जिलाध्यक्ष पद के निर्वाचन को लेकर पार्टी के वरिष्ठ जनों।के मार्गदर्शन में। पार्टी के जिले की सक्रिय कार्यकर्ता और मंडल अध्यक्षों और भारतीय जनता पार्टी। से निर्वाचित क्षेत्रीय विधायको और वरिष्ठ जनों की रायशुमारी के बाद अब प्रदेश नेतृत्व और राष्ट्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन में भारतीय जनता पार्टी को मध्यप्रदेश। में जिलाध्यक्षों की घोषणा तैयारियों के बीच पार्टी के अंदर जिला अध्यक्ष पद के दावेदारी करने वाले वरिष्ठ नेताओ के द्वारा अपने नेतृत्व क्षमताओं की। शक्ति प्रदर्शन करने के लिए।
प्रदेश मुख्यालय में लगभग एक दर्जन से ज्यादा नेता भोपाल। में डेरा डाले हुए हैं। सूत्रों के मानें। तो। शहडोल जिले में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष निर्वाचन पूर्व तीन वर्ष पहले ही। होना तय था। कहीं न कहीं पार्टी के अंदर कार्यकुशलता और कार्यकर्ताओं के बीच में आपसी सामंजस्य को लेकर
शहडोल मे तीन वर्ष के समय और बढ़ा दिया गया था। अब एक बार फिर पार्टी ने शहडोल जिले के जिलाध्यक्ष पद। को लेकर कोरोना काल केे बाद से लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव को। मद्देनजर रखते हुए समय अवधि । बढ़ाया गया था। इसके पश्चात शहडोल जिले में। भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष पद के निर्वाचन को लेकर पार्टी के अंदर ही अंदर विरोध का। स्वर पनपने लगा था
कार्यकर्ताओं के मंशा को देखते हुए। पार्टी ने निर्णय लिया कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्षों के निर्वाचन के साथ ही शहडोल जिले में जिलाध्यक्ष पद और मंडल अध्यक्षों के पदों का विस्तार। समय पर कराना न्याय उचित होगा प्रदेश में शहडोल जिला एक ऐसा। जिला है जहाँ पर भाजपा जिलाध्यक्ष छ वर्ष का कार्यकाल पूरा कर सियासी गलियारों। में एक पारी पूरा कर अपने नाम का दबदबा बनाये रखने में कामयाब रहा । कमल प्रताप सिंह भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष के कार्यकाल युवा कार्यकर्ताओं और लगनशील नेतृत्व।कार्यकर्ताओ के व्यवहार को दृष्टिगत रखते हुए पार्टी के नेतृत्व में जमीनी स्तर के कार्यकर्ता अपने समय के साथ बदलते राजनीति को आगे बढ़ाने में कामयाबी हासिल किया है। सूत्रों के मानें तो भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर।कमल निशान को कमल के हाथों में सौपकर शहडोल जिले में। कमल खिलाने का मंशा जाहिर किया है..?। यह बात सही है कि शहडोल में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को जरा इस बात की भान नही होगा की पार्टी का निर्णय कब किस के ऊपर? क्या आदेश फरमान मिल जाए ।भाजपा में युवाओं के बीच में राजननैतिक पकड़ बनाये रखने के लिए कार्यकर्ता कौन किसको? कितना पसंद करता है। यह बात पार्टी के अंदर चल रहे राय सुमारी। बैठक में देखने को मिला शहडोल जिले से वर्तमान भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष कमल प्रताप सिंहऔर भाजपा के वरिष्ठ नेता दौलत मनमानी महिला।
मातृशक्ति के योर से नेतृत्व कर रही है श्रीमती अमिता चापरा।अनिल द्विवेदी युवा नेता अमित मिश्रा इस बार पार्टी में जिलाध्यक्ष पद। के दावेदारी को लेकर युवाओं के साथ कदम से कदम मिलाने का प्रयास किया है। सूत्रों के मानें तो भारतीय जनता पार्टी इस बार युवाओं के ऊपर भरोसा जताते हुए पार्टी के। जिम्मेदारी युवाओं के हाथ सौंपने का। निर्णय लिया है।चाहे वर्तमान जिलाध्यक्ष के कंधे में दोबारा।
जिलाध्यक्ष का पद की जिम्मेदारी सौंपा कर पार्टी को आगे बढ़ाये। या फिर कयास लगाया जाता है कि भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अमित मिश्रा? के योर कमल का फूल खिलते दिखाई दे।
कौन किस के ऊपर पड़ रहा है भारी..?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के।नेतृत्व और मार्गदर्शन के योर एक नजर डाला जाए तो। शहडोल जिले में। मातृशक्ति। की ओर से श्रीमती अमिता चपरा को जिलाध्यक्ष बनाये जाना पार्टी के विस्तार और महिला सशक्ति करण को लेकर। लाज़िमी होगा..?। क्योंकि वर्षो पूर्व से संघ परिवार से इनकी नाता रहा है। और प्रदेश नेतृत्व से लेकर। महिला सशक्तिकरण सरकार में अहम जिम्मेदारियों। का निर्वहन पूर्व समय में सरकार की समकक्ष रह कर पार्टी की गतिविधियों पर। नजर बनाये रखी रही। विद्यार्थी परिषद से लेकर।
जिले और संभाग के राजनीति में श्रीमती अमिता। की दखल रहा है। ऐसे में। माना जा रहा है कि पार्टी कहीं न कहीं एक बार भरोसा दिखाते हुए। महिलाओं के बीच में महिला सशक्तिकरण को बढ़ाने के लिए शहडोल जिले के नेतृत्व। महिलाओं के हाथ में सौंपा जा सकता है। शहडोल से लेकर भोपाल तक अपने अपने राजनैतिक गुरुओं की इर्द-गिर्द। कुर्सी के चाहत को लेकर। वरिष्ठों के चौखट में मत्था टेक रहे है। देखना यह होगा कि भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक चुनाव में पार्टी। किस के। सर में राराजनीति की मुकुट बाँधकर वापसी विराट नगरी की ओर किसको भेजता है और किसको निराश कर। पार्टी में फिर जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ में झंडा बैनर दरी बिछाने का। कार्य करेंगे ऐसे में पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच आपसी भाईचारा परस्पर व्यवहार का आदान प्रदान। बना रहे।