No title

शहडोल भास्कर

 

बैगा नौनिहाल छात्रों के भविष्य को। दाव में रखकर चला रहे छात्रावास।

शहडोल//बैगा आदिवासी बालक छात्रावास बरदौउहा चुहिरी विकासखंड गोहपारू बिती रात्रि छात्रावास में चौकीदार दिनेश प्रसाद बैगा जिस प्रकार से गैर जिम्मेदाराना। तरीके से।

नौनिहाल छात्रों के साथ में बर्ताव। किया वह समाज में बर्दाश्त करने योग नहीं..?

आदिम जाति कल्याण विभाग मध्य प्रदेश शासन के मार्गदर्शन में बैगा विशेष जाति के उत्थान के लिए कक्षा एक से लेकर कक्षा पांचवी। के छात्रावास विद्यालय में।

अध्ययनरत होकर भोजन रहन सहन के साथ पढ़ाई करते है। एक तरफ माता पिता अपने नौनिहाल बच्चों को प्रशासन के हाथों में। सौप कर अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का। कामना करते हैं वहीं।

 संचालित छात्रावास जिस कदर से गैर जिम्मेदाराना तरीके से कर्मचारियों के द्वारा लापरवाही पूर्वक शराब के हालत में छात्रों से व्यवहार किया जाता है। इससे।

छात्रों के पालक इस घटना से। दुखी हैं और पीड़ित मन से।

प्रशासन से इस बात का आग्रह कर रहे हैं कड़कड़ाती ठण्ड। मे इस प्रकार से कर्मचारियों ने लापरवाही पूर्वक छात्रों के साथ में व्यवहार किया है। उससे कहीं न कहीं जिला प्रशासन से लेकर निचले स्तर तक लापरवाही का एक नजारा बैगा। आदिवासी छात्रावास में देखने को मिल रहा है..?

कौन है अधीक्षक

आपको बता दें कि आदिवासी छात्रावास में पदस्थ अधीक्षक पन्नालाल सिंह मुख्यालय छात्रावास। को छोड़कर अपने निवास में रहते हैं। रात्रि के समय चौकीदार के भरोसे छोटे छोटे बच्चों को छोड़कर चले जाते यही कारण है कि बच्चों के साथ में इस प्रकार की घटनाएं आए दिन। सुर्ख़ियों में बने रहते हैं जिस कारण विभाग को भी जांच के दायरे में खड़ा कर देते हैं


अनुविभागीय अधिकारी के दल पहुंचा जांच में..?

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस घटनाक्रम को लेकर प्रशासन तुरंत संज्ञान में लेते हुए जयसिंहनगर अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी प्रगति वर्मा छात्रावास पहुंचकर छात्रों से हालचाल लिये और बच्चो से आप बीती।

घटना के विषय में जांच करने का निर्देश दिए


खंड शिक्षा अधिकारी का क्या है भूमिका..?

बैगा छात्रावास।बरदऊहा संस्था प्रमुख के द्वारा बताया गया कि संचालित छात्रावास कई वर्षों के पश्चात् इस घटना के बाद खंड। शिक्षा अधिकारी सुबह ही जांच के लिए आए थे.?

कौन है खंड शिक्षा अधिकारी

3 वर्षों से गोहपारू विकासखंड में प्रभारी प्राचार्य एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी ललित पांडे के कार्यशैली को लेकर नौनिहाल छात्रों और विकासखंड के अभिभावकों ने खेद व्यक्त किया है। क्षेत्र भ्रमण को लेकर सहाब कभी भी बच्चों के स्कूल जाना अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते। इसी कारण से। शिक्षाक और संचालित छात्रावासों में ऐसी घटनाओं को। आए दिन देखने को मिलता है।

प्राथमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षाक को जिस समय अधीक्षक का जिम्मेदारी दिया गया था वह कार्य करने योग्य है या नहीं आदिवासी छात्रावास। में किन कर्मचारियों की नियुक्ति किया जाना सुनिश्चित करना यह प्रशासनिक स्तर पर विभागीय? मापदंड के अनुसार किया जाता है जिससे छात्रों के विकास और उनके शिक्षा में किसी प्रकार का कोई। असर न पडे लेकिन शहडोल जिले में। आदिवासी विभाग में गांधीगिरी के दम पर आदिवासी छात्रावास में जिस प्रकार से लापरवाही देखने को मिलता उससे साफ जाहिर है कि बच्चों के भविष्य के साथ किस प्रकार से खेल खेला जाता है यह?

घटना को देखने के पश्चात् समझ में आता है.?

जिले के संवेदनशील कलेक्टर डॉ केदार सिंह को नौनिहाल छात्रों की घटनाक्रम को देखने के पश्चात जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर क्या कार्रवाई होगा बात भविष्य में अन्य छात्रावास में सुरक्षित रहने वाले बच्चों के लिए संतोषजनक।

 होगा देखना होगा कि जिला प्रशासन इस प्रकार के कृत्य को किस? रूप में देख रहे है यह विषय लोगों के मन में।

उदहारण बन कर रह जाएगा। 

Post a Comment

0 Comments