जिला शिक्षा अधिकारी फूलसिंह मारपाची को राजनैतिक षड्यंत्र का हुए शिकार?

 शहडोल भास्कार

शहडोल जिला शिक्षा अधिकारी फूलसिंह राजनैतिक षड्यंत्र का हुए शिकार...?

 

जिला शिक्षा अधिकारी फूलसिंह मरापाची को आयुक्त ने निलंबित किया।जिसको लेकर शिक्षा अधिकारी ने बताया गैर जिम्मेदरना कार्यावाही मै निर्दोष हू..? 

शहडोल//आज उस समय जनसुनवाई के दौरन कमिश्नर कार्यालय में अफरा तफरी मच गया । जब विभागीय अधिकारी आपस में काना फुशी करने लगे।जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कमिश्नर श्रीमन शुक्ल ने    निलंबनआदेश प्रस्ताव जारी किया...?

ब्यौहारी //बिकास खण्ड व्यौहारी के ग्रामीण क्षेत्र में संचालित शासकिय प्राथमिक विद्यालय देवराव में पदस्त शिक्षाक । रामराज दुवेदी के संवर्ग संविलियन के मामले को लेकर उनके मृत्यु के पश्चात उत्तराधिकारियों ने अनुकंपा नियुक्ती संबंधित दस्तावेज शिकायत लेकर आयुक्त कार्यालय में पहुंचे। उन्होंने अपने शिकायत पत्र में बताया कि हम कई वर्षों से दर-दर भटक रहे हैं ।अब तक हमे कही न्याय नही मिल रहा है। सहाब ने एक जादू की छडी उठाये और यंचिका कर्ता को न्याय दिलाने लगे। कमिश्नर ने अनन फनन में जिला शिक्षा अधिकारी को पदमुक्त निलंबन करने का प्रस्ताव  पास कर दिये..?

मजे की बात यह है। कि जिस मामले को लेकर कमिश्नर शहडोल ने जिला शिक्षा अधिकारी फूलसिंह मरापाची को निलंबित कर दिये। उस मामले को लेकर करीब एक साल पहले ही ग्रामीण विकास के मुख्यकार्यपालन अधिकारी अपने नोट सीट के माध्यम से अपील खारिज कर दिये है। सममिलियन एवं अनुकंपा के मांगों को लेकर आश्रितों ने। अभया आवेदन पर विचार करने के लिए तात्कालिक मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री राजेश जैन को पत्त दिया गया था सहाब ने ।अपने कार्या प्रणाली अनुसार पत्र क्रम दिनांक 227आदेश 17/01/2024 को शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन संचानलय को आदेश  जारी कर अवनीश कुमार  दुवेदी के प्रकरण को खारिज कर दिया गया। और अपने पत्र में उल्लेख किया गया कि मृत्यु के बाद शिक्षाक का सबिलियन न्याय संगत नहीं है बिधि नुसार प्रकरण को नस्तीबद्ध किया जाता है । सहाब ने आश्रितों की आशाओं पर निराशा का पानी फेर दिया। अफसरशाही ने मान लिया था अब सारे दरवाजे बदं हो गये ? मुख्यकार्यपालन अधिकारी ने अपने आदेश में निम्नलिखित बिंदुओ के संबंध में संबंधित शिक्षा विभाग के माध्यम से आवेदनकर्ता को अनुकंपा अनुशंसा के संदर्भ में शामिल ना करने का आदेश दिया था..?

संविलियन आवेदन को लेकर 2017 से अब तक शिक्षाक के परिवार को दर दर भटकाते रहे। उसको लेकर कौन है जिम्मेदार?

आपको बता दें मामला मजेदार है। कमिश्नर शहडोल ने प्रकरण के मूलतय गहराई तह  तक बिना गये ही । शिक्षा अधिकारी को निलंबित कर दिये, उस मामले में जिम्मेदार कौन है यह बात भी आयुक्त को। जिम्मेदार विभाग से समझने की आवश्यकता रहा? जबकि समिलियन का अधिकार और आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने का अधिकार मुख्य कार्यपालन अधिकारी तात्कालिक अपर कलेक्टर श्री राजेश जैन के पास  में रहा है । अपने निर्देशित पत्त मे उल्लेख किए हैं कि आश्रितों को नियम अनुसार आदेश जारी कर  पद पर नियुक्त किया जायगा ।

तो क्या जिला शिक्षा अधिकारी। राजनैतिक षड्यंत्र का शिकार हुए ?। जिला शिक्षा अधिकारी फूलसिंह मरापाची मान रहे हैं कि मैं निर्दोष हूं ।सहाब जांच के उपरांत मुझे हटाते  तो अपने आप को दोषी समझता? इस बात का भी खुलासा जांच के बाद होगा। इस मामले को लेकर समय-समय पर शिक्षा विभाग संचानलय को समविलियन के मामले को लेकर अपना पंक्ष शासन स्तर पर कार्रवाई के लिए भेजा जा रहा था। इसके बाद वर्ष 2024 अप्रैल  में जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी एवं अपर क्लेकटर राजेश जैन ने प्रकरण में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश को नजरअंदाज करते हुए प्रकरण को खारिज कर दिये । सिविल सेवा को पालन करते हुए न्याय से ऊपर उठकर निर्णय लिया जिस कारण आश्रित शिक्षाक के परिवार में से सदस्यों की प्रकरण को खरिज कर दिया गया। राज्य सरकार एवं आयुक्त के  द्वारा शिक्षा अधिकारी के निलंबन के बाद शिक्षाक के अनुकंपा प्रकरण की फाइल वर्षों से जिला पंचायत के कार्यालय के चक्कर लगाता रहा । क्या अब न्याय मिल पाएगा।अब तक किसी की नजर नहीं पड़ी..? सहाब के पहल ने कार्यवाही कर नागरिकों को न्याय मिल सके ? इसके लिए प्रशासनिक कार्यवाही का अमली जामा पहनाए

अनुकंपा के प्रकरण में। कौन है जिम्मेदार।

अब दूसरा गाज कमिश्नर का किसके ऊपर गिरेगा यह भी देखना होगा?

 अधिकारी के निलंबन के बाद  रामराज द्विवेदी  शिक्षाक के परिवार को न्याय मिलने के लेकर कमिश्नर की कार्रवाई एक स्तर पर  यह तय करता है न्याय सभी को देना हमारा पहला कर्तव्य और यह संदेश संभाग के सभी विभागों को सकारात्मक संदेश पहुंचेगा। लेकिन आप देख सकते हैं कहीं, दुरांचल क्षेत्र में जहां आवा गमन के मार्ग नहीं है ।वहा मैदानी स्तर पर आयुक्त के क्षेत्र भ्रमण भी उतना ही जरूरी है जितना किराया खर्च लगाकर 200 किलोमीटर चलकर न्याय की याचना करते हैं। मैदानी स्तर में ही लोगों को अब मिल सकेंगे ।सहाब कब आयगे संभाग की जनता ट्कटकी लगाकर सहाब के रास्ता देख रहे हैं।  शिक्षा विभाग में क्या चल रहे हैं।, बच्चों को स्कूलों में मीनू के आधार से मिड डे मील मध्यान भोजन नहीं मिल रहे जिससे छात्र-छात्रों का समग्र विकास हो सके।  शहडोल संभागी मुख्यालय  के कानून व्यवस्थ विभाग में कार्य करने वाले जिम्मेदार अधिकारी को कार्य शैली के अभाव में यदि विभाग के उच्च अधिकारियों से लेकर जमीनी  स्तर तक प्रश्न चिह्न लगाया जा रहा है । प्राथमिक व्यवस्था पर नजर अंदाज किया जा रहा हो । जिला शिक्षा अधिकारी  2 वर्ष के कार्यकाल में विभाग के  कर्तव्य को पूरा करने के लिए कार्य किया गया वर्ष 2023 दिनांक 16 फरवरी 2023 पत्र क्रम 824 वर्ष कलेक्टर शहडोल के आदेश का पालन करती रही और शिक्षा विभाग को ऊंचाइयों तक ले जाने में महारत हासिल की

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