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 शहडोल भास्कर 

 कूट रचित दस्तावेजों के आधार से मध्यप्रदेश शासन के भूमि नामांतरण के जरिए। भूमि हड़पने का मामला, पीड़ितो ने कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिए?


 शहडोल। आदिवासी अंचल शहडोल जिले में इन दिनो भू माफिया गिरोह सक्रिय और प्रशासन के तंत्र बने सहयोगी? जिले के ग्राम कुदरी के निवासी समय लाल बैगा ने 50 लोगों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर। कलेक्टर से गुहार लगाते हुए रामकृपाल और नरेन्द्र नामक भूमिया के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं? समय लाल बैगा का आरोप है? कि इन दोनों व्यक्तियों ने उनकी पैत्रिक भूमि को फर्जी विक्रय पत्र और नामांतरण के माध्यम से हड़पने का प्रयास किया है।


समय लाल बैगा के अनुसार, ग्राम कुदरी स्थित उनकी पैत्रिक भूमि, खसरा नं० 18, रकवा 3.85 हेक्टेयर (1.559 हेक्टेयर), वर्ष 1994-95 तक उनके पिता दुर्गा बैगा के नाम पर दर्ज था। लेकिन नरेन्द्र ने धोखाधड़ी से किसी अन्य व्यक्ति को उनके स्थान पर खड़ा करके फर्जी विक्रय पत्र दिनांक 9/9/1992 को तैयार किया। इस विक्रय पत्र में, समय लाल बैगा को विक्रेता दिखाकर उनकी उम्र 19 वर्ष बताई गई और भूमि को श्रीराम आत्मज गोल्दारी गोड के नाम पर मात्र 16 हजार रूपए में बेच दिया गया।


सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस फर्जी विक्रय पत्र का नामांतरण वर्ष 2023-24 में किया गया, जिसके आधार पर राजस्व अभिलेख में भूमि का नामांतरण कर दिया गया। पीड़ित समय लाल बैगा का कहना है कि उन्होंने अपनी पैत्रिक भूमि का कोई विक्रय नहीं किया है और यह पूरा मामला फर्जीवाड़े का है।


समय लाल बैगा ने कलेक्टर से निवेदन किया है कि इस फर्जी विक्रय और नामांतरण के मामले में रामकृपाल सिंह और नरेन्द्र  के खिलाफ कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जाए और उनके विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जाए।


यह मामला शहडोल जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है ।और लोग इस धोखाधड़ी के खुलासे से हैरान हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्यवाही करता है।  और पीड़ित को कब न्याय मिलता है। सोहागपुर तहसीलदार दिव्या सिंह ने बताई है।  कि रजिस्ट्री नामांतण  वर्ष र्ष 2023 24 में अगर हुआ है।  तो दस्तावेजों के वैज्ञानिक सत्यापन पटवारी पंचनामा भूमि स्वामी के सहमति के आधार से किया गया होगा। मेरे कार्यकाल में अगर नामांतरण की विवाद खड़ी हो रही है तो ।उसे लेकर बृहद रूप से जांच टीम गठन कर जांच करऊंगी। प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही उनके कार्यकाल में। मैदानी अमले की जिम्मेदारी और भूमिका के कारण। ओहदे स्तर के अधिकारियों का नाम प्रभावित होता है ।मध्यप्रदेश शासन के भूमि में हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन प्रशासनिक स्तर पर निरंतर प्रतिबद्धता के साथ कार्यवाही करता है?

इन का कहना है

तहसीलदार

सोहागपुर 

दिव्या सिंह

शिकायत के संदर्भ में मुझे जानकारी मिला है ।मैं जांच के निर्देश दे दी हूं रजिस्ट्री नामांतरण के दस्तावेजों का जांच कर के न्याय उचित कार्यवाही किया जाएगा?

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