शहडोल भास्कर
शहडोल भास्कार। एशिया महाद्वीप के सबसे बड़ी पेपर कंपनी के ऊपर मजदूर के सुरक्षा को लेकर कई बार मामला आया प्रकाश मे। ओरिएंट पेपर मिल प्रबंधन मैनेजमेंट ग्रुप के जिम्मेदारों ने रामाधार पाव के मृत्यु हो जाने के पश्चात परिजनों और अन्य यूनियन के पदाधिकारी से मिलने से इनकार कर दिया इसके पश्चात परिजनों ने शव रख कर कंपनी के मुख्य द्वार में। सुबह 8:00 बजे से लेकर उसके परिजन शव को गेट पर लेकर बैठे हैं ।कुछ घंटे पहले मृतक की पत्नी ने पेट्रोल डालकर आग लगाने का प्रयास किया। जिसे पुलिस और नागरिकों ने बीच बचाव कर छुड़ाया ।घटना के बाद शहडोल अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एस डी एमअरविंद शाह भी मौके पर पहुंचे ।उन्होंने जनप्रतिनिधियों से चर्चा की और इसके बाद मृतक के परिजनों से भी चर्चा की ।अरविंद शाह और तहसीलदार भावना देहरिया ने मिल प्रबंधन के एचआर हेड और सीईओ से संदर्भ में चर्चा करने के लिए उन्हें कक्ष के बाहर गेट पर बुलाया ।लेकिन सीईओ और एचआर हेड आलोक श्रीवास्तव ने आने से इनकार कर दिया।
इसके बाद एसडीएम अरविंद शाह ने इसकी सूचना कलेक्टर शहडोल तथा कमिश्नर एवं प्रभारी मंत्री को दी एसडीएम अरविंद शाह ने बताया कि जब तक प्रबंधन के लोग आकर हमसे चर्चा नहीं करते है। तब तक हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है ।कि बाहर मौके पर उनके आने का इंतजार करें ।सोशल मीडिया में मृतक के परिजनों और शव के साथ कुर्सी पर बैठे एसडीएम और तहसीलदार तथा अन्य पुलिस अधिकारियों की तस्वीर वायरल हो रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के आरोप है । कि प्रबंधन हठधर्मिता पर उतारू हो चुका है । प्रबंधन को अब प्रशासन का डर या इज्जत करना भूल गया है। विगत कई वर्षों से ओरिएंट पेपर मिल के। कार्यशाली को लेकर जिले के श्रमिक जो उस कंपनी में कार्य करते हैं ।उनके साथ हो रहे लापरवाही पर एक बर फिर प्रशासन जनता के साथ खड़ा नजर आए कानून व्यवस्था की अगर बात करें तो ।ओरियंट पेपर मिल प्रबंधन सोंन नदी के जल से लेकर ।पर्यवरण नेशनल ग्रीन वेल्स के सरे नियम कानून को ताक में। रखकर कई वर्षों से कंपनी का संचालन कर रहा है ।यह बात सही है की प्रशासनिक व्यवस्थाओं के आधार पर एक बर देखा जाए तो ।ओरियंट पेपर मिल के योर जब कोई बड़ा घटना दुरभाग्यपूर्ण घाट जता है ।तो जिले के प्रशासन का नजर जाता है। देखना यह होगा की कंपनी में कम करने वाले मजदूर के। मृत्यु होने के पश्चत । परिजनों को शव रखकर धरना प्रदर्शन करना पड़े। और न्याय का गुहार कंपनी से लेकर प्रशासन तक लगाना पड़े तो । ऐसे व्यवस्था के ऊपर जनता के ध्यान आकषर्ण सरकर के कार्य शैली की ओर हो जता है । जिले के संवेदनशील कलेक्टर डा केदार सिंह के मार्गदर्शन में ओरियंट पेपर मिल के योर एक बार मजदूरों के हितों को लेकर गठित टीम जांच करें तो । आये दिन होने वाले दुर्घटनायें और कंपनी की लापरवाही पर कड़ी रूख अपनाया जा सकता है?
कैसे मिलेगा मृतक परिवार को न्याय
शहडोल जिले में रोजगार के कई साधन है ।और बड़े-बड़े कंपनियां यहां पर भू संप्रदाय एवं वन संपदा को दोहन कर रहे ।और यही के नागरिकों को मजदूरी के बदले शव रखकर मजबूरन धारण करनी पड़ रही हैं ।यह दुर्भाग्यपूर्ण की बात है। कि शहडोल के राजनीतिक स्थिति को एक बार भफा जाए तो स्वार्थ की राजनीति देखने को मिलता है। जिससे आम नागरिकों के दैनिक जीवन एवं उनके अधिकारों के मूल्यों का हनन हो रहा है ।इस पर किसी जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति एवं आवाज सुनने व देखने को नहीं मिलता है। दुर्भाग्यपूर्ण की बात है ।कि शहडोल के राजनीति धरातल की ओर धराशाई हो रहा है। वह चाहे क्षेत्र विधायक से जनता अपने अपेकक्षाओं लेकर दर-दर भटक रहा हो इससे उन्हें कोई लेना देना नहीं है?