शहडोल भास्कर
निर्दलीय प्रत्याशी श्री रमेश कोल ने चुनाव लड़ने का किये दवा नामांकन भरकर क्षेत्र के जनता को सकारात्मक नेतृत्व का दिए परिचय
जयसिंंहनगर विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरे रमेश कोल
शहडोल// विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की अंदर अपने पार्टी बेरुखी जाहिर करते हुए सभी दल के प्रत्याशी अपने क्षेत्र में नेतृत्व को लेकर जनता के बीच अपने राजनैतिक जीवन के पहचान का मूल्यांकन करने के लिए व्यक्तित्व और छेत्री प्रतिस्पर्धा के दौर में अपने योग्यता को समाज के सामने रखने के लिए पार्टी के चुनाव चिन्ह ना मिलने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान पर उतारने के लिए अपना नामांकन फॉर्म भरे भारतीय जनता पार्टी में एक दशक से सक्रियता के साथ सभी पदों में रहते हुए पार्टी का सेवा करने के बाद विधानसभा चुनाव 2023 में टिकट न मिलने के कारण अपने ही बीच के कार्यकर्ता एक और नाम जयसिंहनगर विधानसभा 84 से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में श्री रमेश कोल विगद दिवस अपना नामांकन दाखिल कर क्षेत्र के जनता से आशीर्वाद लेने के लिए मैदान पर उतर पड़े है अब तक भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता के नेतृत्व जिम्मेदारी निभाने वाले रमेश कोल अब मैदान में निर्दलीय प्रत्यशी के रूप में चुनौती देने के लिए उतर पड़े है देखना होगा नामांकन पत्र वापस के पहले तक अपने पार्टी की नीतिगत व्यवस्थाओं से रुष्ट कार्यकर्ताओं एवं टिकट के दावेदारी करने वाले उम्मीदवारों की नॉमिनेशन वापस लेते हैं या फिर पार्टी के सामने अपने बगावती तेवर के साथ मैदान में उतारकर जयसिंहनगर विधानसभा चुनाव को त्रिकोणी चुनाव के रूप में प्रासंगिक बनाएंगे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के अगर सूत्रधारों के माने तो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतर रहे कार्यकर्ता अपने क्षेत्री या जनता की सेवा और समर्पण के प्रति समर्पित होकर जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी की उत्पत्ति और विश्व स्तर के राजनीतिक दल कहलने तक की साक्षी के रूप में यह सभी कार्यकर्ता पार्टी के न्यू बनकर समाज को भारतीय जनता पार्टी के प्रति आएना दिखाने का कार्य किया है आज पार्टी के नीति निर्धारण और समन्वय कार्यकर्ताओं के प्रतिकूल दिखाई दे रहा हैं उससे समर्पित कार्यकर्ताओं को बाहर के रास्ता पार्टी ने समय रहते दिखाएं है इससे कहीं ना कहीं पार्टी की कार्यकर्ताओं को आत्मिक आघात होने के करण निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरकर अपने व्यथा को पार्टी के आलाकमान को बताने का प्रयास किये है
समर्पित कार्यकर्ताओं की मेहनत और समर्पण का मूल्यांकन 21 सदी के महानायकों के सोच से हजारों कोर्स दूर है वर्ष 1984 की समय से लेकर अभी तक कार्य करने वाले भारतीय जनता पार्टी की परिवार के सक्रिय भूमिका निर्वहन करने वाले में से परिवार अपने तपस्या का मूल्यांकन भी ऐसे समय में पार्टी के प्रति समर्पित होकर चुनाव लड़ने का मांग करते लेकिन कहीं ना कहीं निराशा मन से क्षेत्र के जनता को अपना दुख बताने में संकोच महसूस करते यही कारण है कि चुनाव से ज्यादा महत्वपूर्ण क्षेत्र के जनता के बीच में अपनी राजनीति को सक्रिय रूप से बनाए रखना और जन-जन तक पहुंचकर सुख दुख में खड़ा होकर भाईचारा की संदेश को पहचान आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र शहडोल के नेतृत्व का मुख्य धारा में जोड़कर लोगों को आत्म सम्मान दिलाना और उनके प्रति सकारात्मक अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करना यही राजनैतिक जीवन को प्रखर बनाने के लिए नेता अपनी राजनीति के सारे दाव पेच से परस्त होने के पश्चात अपना मूल्यांकन अपने क्षेत्र के जनता के प्रति जनता के बीच सकारात्मक रूप से खड़ा होकर खुद का पहचान से परिचित होकर एक नया राजनीति खड़ा करने का उद्देश्य का उद्बोध करते हैं| देखना यह होगा कि रमेश कोल विधानसभा चुनाव में अपना दावेदारी करते हैं या फिर नॉमिनेशन वापस लेते यह पहली उपलब्धि होगा कि जब वह विधानसभा चुनाव में विधायक पद के दावेदारी को लेकर सक्रिय है और समय के साथ बदलते भाग्य विधानसभा के दरवाजे ले जाता कितना कामयाबी हासिल करते हैं यह चुनावी सर गर्मी के बीच मतदाताओं के योर इनका कितना लगाव है और अपेक्षा जिसमें यह खरा उतर कर क्षेत्र के विकास और सकारात्मक पहल के लिए