शहडोल भास्कर
संपादकीय=लेख
हेडिंग = भाजपा सत्ता में रहकर जनता का सेवा अगर किया होता तो जन आशीर्वाद का आवश्यकता पड़ता| जनता के जनादेश प्राप्त करने के लिए हजारों उपाय ढूंढ रहा है भारतीय जनता पार्टी
प्रदेश के मुखिया यशस्वी श्री शिवराज सिंह चौहान अपने नेतृत्व में लाडली बहन से यह साबित कर दिखाई की हितग्राही बनाकर प्रदेश के नागरिक लाचार अवस्था में गुजरेंगे अपनी आगामी जीवन
खंन्नौधी// गोहपारु मंडल जनआशीर्वाद यात्ता
भारतीय जनता पार्टी की ओर से सरकार को भले ही विभिन्न योजनाओं से जन-जन तक पहुंचाने का उपाय बता रहा हो लेकिन अंतिम छोर में बैठे लोगों के साथ किस प्रकार से ब्यूरोक्रट का डर सता रहा है| उस से साफ जाहिर होता है| कि आज किसानों का खेत बिजली के अभाव में सूखने के कगार पर है और सरकार के अधिकारियों के द्वारा दिन प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती ऊपर कटौती किया जाता है |किसान के खेत पानी के अभाव में सूखने की स्थिति पर है सरकार जन आशीर्वाद यात्रा निकाला है |इससे साफ जाहिर होता है |कि विद्युत और रोड के व्यवस्थाओं को दृष्टिगत रखते हुए अगर एक बार सकारात्मक पहल समय पर किया जाता तो देश के विकास के मार्ग पर जनता के बीच जनआशीर्वाद और संकल्प यात्रा की आवश्यकता नहीं होती |भले ही प्रदेश के मुखिया बड़े-बड़े दावे विकास के नाम पर कर रहे हो लेकिन अधिकारियों और क्षेत्रीय व्यवस्था को देखा जाए तो लोगों को दैनिक जीवन बहुत ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिलता रहा है |भले ही सरकार चित्रकूट से सीधी व्यवहारी विधानसभा जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र शहडोल के जैतपुर मार्ग से अनूपपुर जिले होते हुए अमरकंटक की ओर मार्ग प्रशस्त करें विंध्य क्षेत्र होते हुए चुनावी बिगुल बजाने के लिए पार्टी के कद्दार नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन में जनआशीर्वाद यात्रा के मुख्य अतिथि झारखंड के गोंडा संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री निशिकांत दुबे एवं विंध्य क्षेत्र के वरिष्ठ नेता एवं जनसंपर्क लोकयंत्रकी कैबिनेट मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ला सतना सांसद गणेश सिंह सीधी सांसद श्रीमती रीति पाठक शहडोल संसदीय क्षेत्र के सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व राजस्व वन राज्य मंत्री श्री जयसिंह मरावी व्यौहारी विधानसभा क्षेत्र के विधायक शरद कोल जैैतपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक मनीष सिंह भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री कमल प्रताप सिंह कार्यक्रम को मुख्य रूप से दिशा दिए जिस से कार्यक्रम सफलतापूर्वक अपनी गंतव्य की ओर आगे बढ़ा | भले ही जनता को लुभाने के लिए जनआशीर्वाद का सहारा लिया जा रहा हो लेकिन नतीजा समय के अनुसार जनता के बेरुखी और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के कार्य शैली के कारण हजारों वादों को पूरा करने का संकल्प लेकर विधायक 5 साल जुमले का नेता बन कर रह गए और आज जनता के बीच जन आशीर्वाद का अपेक्षा लेकर जा रहे हैं |इस से साफ होता है कि अगर समय रहते जनता के बीच कार्य किया गया होता तो जन आशीर्वाद यात्रा निकालने की आवश्यकता भारतीय जनता पार्टी को क्यों आन पड़ी इसका क्या कारण था कि क्या जागरूक प्रदेश में जनता चुनाव के समय पर ही सरकार को याद आता है |और संकल्प से लेकर जन आशीर्वाद तक के मुहिम में जुड़ जाता है |प्रदेश में इन दिनो चुनावी गहमा गहमी के बीच मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का सरकार लगभग बीस वर्ष से सत्ता पर काबिज है |उसे जनता के बीच चुनाव के समय में किस बात का डर सता रहा है जिसके कारण बीजेपी कभी जनता के बीच विकास यात्ता लेकर संकल्प लेता है |और संकल्प यात्रा का बिगुल का बजाता है |विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है |वैसे भारतीय जनता पार्टी जन आशीर्वाद का आगाज किया है| 2018 की विधानसभा चुनाव में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश में सरकार बनाने के लिए इस कदर से डर सता रहा है जिससे वह प्रदेश में बैठे अंतिम छोर के व्यक्ति को उनके दैनिक जीवन के व्यवस्थाओं को छोड़कर जनता के बीच आशीर्वाद लेने के लिए इस तरह उतावले हो रहे है| जैसे अबोध बालक मां के पास दूध के लिए बिलख रहा हो |आमजन के अगर मने तो आज प्रदेश में महंगाई चर्म पर है और सरकार विकास की दुहाई देने के लिए प्रदेश के बाहर के प्रभारियो के माध्यम से चुनावी रणनीति और प्रभावी कार्यों को अवलोकन करने के लिए जिला बार जनप्रतिनिधियों का भी आंतरिक रिपोर्ट कार्ड की जिम्मेदारी पार्टी के कार्य व्यवहार और विकास के गति को समझने के लिए आवागमन बना हुआ है| लेकिन क्या सरकार के द्वारा 18 वर्ष में प्रदेश में बढ़ते युवाओं के बेरोजगारी पर अंकुश लगाने के वजह युवाओं के ऊपर स्कूल कॉलेज में बढ़ते फीस व्यवसायीकरण शिक्षा नीति गरीब और मध्यवर्गीय परिवार को कमर तोड़कर रखने का कार्य किया है| मध्य प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार ने अपने बिजली को सस्ती करने के बजाय महंगी दम पर उपभोक्ताओं को देने का कार्य किया है| वैसे ही अन्य प्रदेश के तुलना किया जाए तो मध्य प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राज्य सरकार इतना टैक्स जोड़ा है जिससे उन प्रदेश के बराबरी पर मध्य प्रदेश में पेट्रोल डीजल आसमान का रेट छू रहा है| जनआशीर्वाद से मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी 2023 मिशन के माध्यम से प्रदेश में पांचवीं बार सरकार बनाने के लिए मौका तलाश रहा है |वही क्षेत्रीय व्यवस्थाओं को अगर मूल्यांकन किया जाए तो चुने हुए विधायकों के द्वारा अपने क्षेत्र में विकास कार्य के नाम पर शून्य स्तर पर देखने को मिलेगे और गरीबों के जीवन मे कोई बदलाओ दिखाई नही दे रहा है| इस के बाद भी अपने आप को गरीबो की हितैषी सरकार जाने जाते है |और उनके ही जनप्रतिनिधियों के कार्यशैली के कारण भाजपा को बार-बार चुनावी रणनीतियों में रोड मैप बनाकर जन आशीर्वाद जैसे अभियान चलाना पड़ रहा है |आम जन के अगर मने तो वर्तमान में चुने हुए विधायकों की भौगोलिक स्थिति पर विकास कार्य के नाम पर उन्हीं के कार्यकर्ताओं के द्वारा क्षेत्र में जमकर ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दिया गया और विकास के ढिंढोरा पीटने के लिए सरकार चुप्पी साध रखे है|
2 स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार के प्रभावी व्यवस्थाओं को चुनौती दे रहे स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों का ठेकेदारी प्रथा से आमजन कोसों दूर है |निजीकरण के अगर बात करें तो प्रधानमंत्री के द्वारा चलाई जा रहे आयुष्मान कार्ड के लाभ आम जनता को मिलने बाले लाभ मुश्किल दिखाई दे रहा है| शासन स्तर पर अगर बात करें तो शासकीय अस्पतालों में दवाइयों के अभाव पर निजी अस्पतालों के दरवाजा खटखटाने के लिए जनता मजबूर रहता है| और ठेकेदारी प्रथा के कारण निजी अस्पतालों के द्वारा आयुष्मान कार्ड के अधिकारों और उपयोगिता को दुरुपयोग किया जाता है| इस बात से सरकार थोड़ी भी गुरेज नहीं रखता की जनता को दी गई अधिकारों एवं योजनाओं का लाभ सुचार रूप से व्यवस्थित तरीके से समय के अनुसार प्राप्त कराया जाए| इसके बावजूद भी आयुष्मान कार्ड के नाम पर राजनीति करने पर सरकार किसी स्तर पर नहीं छोड़ती
3 प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है यह आरोप कांग्रेस के जिला अध्यक्ष श्री सुभाष गुप्ता ने लगाए हैं...?
भले ही मध्य प्रदेश में सरकार ने महिलाओं के आरक्षण और सुरक्षा को लेकर सजकता दिख रहा हो और कानून व्यवस्थाओं पर अंकुश लगाने का कार्य कर रहा है| मध्य प्रदेश वह पहला राज्य है जहां पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के मिशन देकर प्रदेश के महिलाओं के ऊपर भरोसा जताते हुए पांचवीं बार सरकार बनाने का मुहिम शिवराज सिंह चौहान लाडली बहनों के हाथ सौप रखा है| लेकिन क्या मध्य प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे रेप बलात्कार के संख्या दिन प्रतिदिन प्रदेश के अन्य राज्य से कई गुना ज्यादा है |बावजूद सरकार के द्वारा प्रभावी रूप से कानून व्यवस्था को सुरक्षा के दृष्टिकोण से लापरवाही बढ़ती जा रही है| और अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं |उनके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही करने पर पीछे नीति निर्धारण पर प्रश्न चिन्ह उठ रहे हैं |जिसकी खमयजा आज आमजन को भुगतने पड़ रहे हैं|
विधानसभा चुनाव 2023 में महिलाओं का कितना भागीदारी होगा इस बात को तय कौन करेगा यह सच है पार्टी के आला कमान पूर्व चुनाव के अगर बात करें तो बिंध्य क्षेत्र से लेकर शहडोल के विराट भूमि के धार पर लगभग 37 सीट विधानसभा क्षेत्र में आते हैं बावजूद पूर्व चुनाव के समय में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा महिलाओं को पार्टी में कितना जगह देती यह बात समय के साथ बदलते चुनावी रुख बाय करेगा| बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लाडली बहन जैसी योजना लाकर समाज से यह बात तय है वोटरो की मतदान का अधिकार कितना सुरक्षित है इससे साफ जाहिर होता है इस बार भारतीय जनता पार्टी राजनैतिक रोड मैप क्या होगा जिसमें महिलाओं के लिए कितना सीट सुरक्षित है जबकि महिलाओं की भागीदारी समाज के अग्रणी पंक्ति में अपने आप को खड़ा करने के लिए हजारों- परीक्षाओं से गुजर कर इस देश को विकास के मुख्य धारा पर जोड़ने का कार्य कर रहे हैं |लेकिन कुछ कहने और कुछ कर गुजरने के लिए पार्टी के अंदर महिलाओं के तकदीर और तस्वीर बदलने का जज्बा विचारधारा और शिष्टाचार के आधार पर विभाजित होता है| वैसे जान करो के माने तो महिलाओं को 50% आरक्षण का बात करने वाली सरकार इस बार बिंध्य क्षेत्र और शहडोल के विराट नगरी के पांच सीटों में कितना सीट महिलाओं के भागीदारी के लिए सुरक्षित करता है| यह बाद चुनावी रणनीतिकारों के ऊपर महिला नेताओ ने छोड़ रखा है| महिलाओं की भागीदारी आदिवासी अंचल में बहुत जरूरी है लेकिन 70 पार करने वाले नेताओं के कारण आला कमान को निर्णय लेने के लिए कौन से अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा यह बात वह स्वयं जानते हैं 2014 की अगर बात करें तो लोकसभा के चुनाव के परिवर्तन का वह दौर चला था जहां पर पार्टी के नियमावली और अधिनियम चुनाव आयोग को तोरित निर्णय लेना पड़ा रहा जिस पर लोकसभा चुनाव प्रभारी एवं भारतीय जनता पार्टी ने एक विषम परिस्थिति पर दृष्टिगत रखते हुए अपने बुजुर्ग नेताओं को घर बैठने के लिए 70 पर करने के नियम कानून कायदे लेकर आए थे वह नियम कानून कायदे जो 2014 में लोह पुरुष श्री लालकृष्ण आडवाणी के ऊपर लागू हुआ था क्या वह नियम समुचित जीवंत है जिसका उपयोगिता 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी एक बार पार्टी हित और देशहित को ध्यान में रखते हुए उपयोगिता पर लाया जाएगा या राजनीतिक सरगर्मी के बीच विलुप्त हो जाएगा सन 1984 में जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी का स्थान लेने वाले पार्टी क्या घोषणा और बयान बाजी तक सीमित रह जाएगा हम एक बार याद करते हैं समाज के वह स्तंभों को जिन्होंने जन संघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी के स्थापना के समय और राजनैतिक दल को आगे बढ़ाने में अपने जीवन का बलिदान दिए हैं |वह चाहे स्वर्गीय श्याम प्रसाद हो और चाहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय अटल बिहारी वाजपेई पार्टी के लिए मर मिटने वाले लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल श्रीलाल कृष्ण आडवाणी पार्टी के लिए जीवंत उदाहरण जिन्होंने समय के साथ भारतीय जनता पार्टी को उसके उद्देश्य और परिकल्पनाओं पर खरा उतरने का संकल्प लेकर जनता की अवधारणाओं पर काम करने की यात्रा मार्ग प्रशस्त किए थे |लेकिन क्या लालकृष्ण आडवाणी के राजनीतिक जीवन से संन्यास लेने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के नीतिगत व्यवस्थाओं के अधीन पार्टी अब सीमित दायरे में रहकर अपने ही कार्यकर्ताओं और बुजुर्गों के सम्मान की जगह पर अपमान के दिन देखने के लिए सत्यता के मार्ग पर आंतरिक पीड़ा को समाज से बताने की जगह छिपानी का दिन आ गया है शायद भारतीय जनता पार्टी वह बदलाव का प्रत्यक्षदर्शी गाव होंगे जब पार्टी की गति सीमित दायरे में सिमट कर रह जाएगा जहां पर अपने से ज्यादा बाहर से आने वाली आगंतुकों का आदर सम्मान और स्थान दिया जाता है क्या इसी तरह से पार्टी के गतिविधियां बनी रही तो 2023 के मध्य प्रदेश का चुनाव एवं 2024 के लोकसभा के चुनाव के लिए पार्टी अपनी रणनीति और कार्यशैली से जनता के जनादेश को प्राप्त कर सकता है या फिर भारतीय जनता पार्टी को एक बार फिर शाह और मोदी के नेतृत्व में बाहर के रास्ता देखने को दिन देखने को मिलेंगे यह बात सत्य है कि जनता अपना हित और नही सभी पर आकलन करने के बाद ही जनादेश देता है जो उसके बीच 5 साल तक बैठकर जनता का सेवा करें सूत्रों के माने तो मध्य प्रदेश में वर्तमान विधायक को को अगर टिकट वितरण में साझेदारी दिया गया तो मध्य प्रदेश में चुनाव का रुख क्या होगा इस बात को चुनावी रणनीतिकारों और वर्तमान के विधायक स्वयं अवगत है और इस बात को माननीय को तैयार हो की जनता की बेरुखी विकास के गति पर रोक लगाने वाले जनप्रतिनिधियों के राजनीति में भी जानता रोक लगाने का मां बन चुका है चाहे वह जैसीनगर विधानसभा क्षेत्र हो और चाहे जयपुर विधानसभा क्षेत्र और व्यवहारी विधानसभा क्षेत्र के अगर बात करें तो राजनीतिक परिवर्तन का लहर देखने को मिल रहा है जिस पर नीतिगत व्यवस्थाओं का एक हिस्सा भारतीय जनता पार्टी को जनता और सरकार के बीच के संवाद का चर्चा शहर से छोड़कर ग्रामीण क्षेत्र के चौपाल में मिलेंगे इस पर भी चुनावी रणनीतिकारों को अध्ययन करने की समय है जिससे जनता की आवाज अनुसार जिससे क्षेत्र का विकास और सही मार्ग प्रशस्त हो सके यह मानना उनका कार्य है जिन्हें सही दिशा समाज को देना होगा