शहडोल भास्कर
जर्जर स्कूल भवन में बैठ रहे हैं नौनिहाल बच्चे जिम्मेदार अधिकारियों को इस बात का नहीं है जानकारी
आकस्मिक किसी बड़े घटना के इंतजार में है क्या अधिकारी जिसके कारण जर्जर स्थिति भवनों के दृष्टि करण को लेकर लापरवाही कर रहे हैं और नौनिहाल छात्रों के जीवन जोखिम में डालकर बरसते पानी में गीले स्थिति पर बैठाकर शिक्षा अध्ययन करा रहे
जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूरी रीवा राज्य मार्ग स्थित गोहपारू जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत पाथर छटाटोला में संचालित प्राथमिक उन्नत शासकीय विद्यालय 1997 से संचालित है जिसमें दो शिक्षाक एवं 18 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत 10 वर्ष पूर्व बनी विद्यालय जर्जर स्थिति में है और शिक्षक बच्चों को वही शिक्षा प्रदान कराने के लिए बैठाकर बरसात के मौसम में विद्यालय के छत से अन्दर पानी जाता है विद्यालय के अंदर पानी पानी गीले स्थिति में बच्चे बैठकर पढ़ाई कर रहे |शिक्षाक रूप नारायण मिश्रा का कहना है कि बच्चे पानी में बैठ रहे हैं इसकी जानकारी संकुल स्तर में पूर्व समय में ही दिया जा चुका है शासन स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हो रहा है इसलिए बच्चों को बैठाने का व्यवस्था अन्य और कोई जगह नहीं है| कक्षा 1 से लेकर कक्षा पांचवी के छात्र से बात किया गया तो छात्रों ने बताया कि शिक्षकों के द्वारा समय पर विद्यालय में पढाई नहीं कराया जाता है इसलिए बच्चों से जनरल नॉलेज एवं प्राथमिक स्तर की शिक्षा से छात्र वंचित है बच्चों को नहीं मिल रहा है स्व सहायता समूहों के द्वारा समय पर मीनू के आधार पर मध्यान भोजन इस बात का पुष्टि विद्यालय में पदस्थ शिक्षाक ने कहा कि बच्चों को सही मीनू के आधार पर मध्यान भोजन उपलब्ध स्व सहायता समूह के द्वारा नहीं कराई जा रही है विद्यालय जर्जर स्थिति की जानकारी जिले के मुखिया कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य को दूरभाष के माध्यम से कराया गया जिसमें उन्होंने कहा कि तत्काल शिक्षा विभाग के जिम्मेदार आला अधिकारियों के द्वारा विद्यालय का मरम्मत सुचारू रूप से हो और बच्चों को सही विद्यालय भवन मिल सके इसके लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है कौन है विकासखंड शिक्षाक समन्वयक जिसे पता भी नहीं है कि उसके संकुल क्षेत्र में विद्यालयों की स्थिति एवं छात्रों की गणवेश पुस्तक वितरण प्रणाली का जायजा लेने के लिए अधिकारियों के पास समय नहीं मिलता है जिसके आधार पर मैदानी अधिकारी अपने क्षेत्र में रोड मैप के आधार में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है विकास खंड शिक्षा अधिकारी ललित पांडे गोहपारू का अगर बात करें तो यह 2 वर्ष से गोहपारू में पदस्थ हैं और मैदानी स्तर पर शिक्षा की स्थिति बद से बद से बतर है जिसकी जानकारी खुद खंड शिक्षा अधिकारी को नहीं खंड शिक्षा अधिकारी श्री पांडे के द्वारा विद्यालयों का भ्रमण शिक्षाकों से मासिक बैठक प्रतिवेदन कागजी कार्यवाही तक सीमित रखते हैं यह कोई नया मामला नहीं है जब आदिवासी अंचल गोहपारू जनपद में शिक्षा की स्थिति को लेकर अभिभावकों ने जिले के मुखिया कलेक्टर को मध्यान भोजन एवं गणवेश के विषय को लेकर शिकायत किया गया हैं अधिकारियों की मनमानी कार्यशैली के वजह से आदिवासी अंचल के छात्र-छात्राएं शासन के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से वंचित रहते हैं और बरसते पानी में जर्जर स्थिति भवन में बैठकर शिक्षाध्यान करते हैं इस दिशा को लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी कुंभकरणी निद्रा में सोते नजर आ रहे हैं जयसिहनगर विधानसभा क्षेत्र84 के विधायक जयसिंह मरावी से बच्चों के शिक्षा और जर्जर स्थिति भवन के संदर्भ में बात किया गया तो उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर भावनाओं के निर्माण को लेकर शासन द्वारा खनिज मत से अधिक संख्या में स्कूल भवन मरम्मत नवीन भवन निर्माण के लिए राशि आवंटित किया गया है बरसात के अंदर ही भवनों की मरम्मत कराकर बच्चों को सही स्कूल भवन मिल सके इसके लिए शासन प्रतिबंध है
बाइट=
कलेक्टर
श्रीमती वंदना वैद्य
अभी बी सी चल रहा है शिक्षा विभाग को निर्देशित करें भवन के मामले को दुरस्त कराएंगे और बच्चों को सुरक्षित स्थान पर शिक्षाक बैठाये यह उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है