आकाशी बिजली गिरने के नाम पर कूटरचित तरीके से पशुपालकों को पहुंचाया जा रहा क्षतिपूर्ति का लाभ |शासन की राशि मे कौन-कौन से प्रशासनिक अधिकारियों का है हिस्सेदारी

 शहडोल भास्कर//

आकाशी बिजली के नाम पर कूट रचित तरीके से पशुपालकों को पहुंचाया जा रहा है क्षतिपूर्ति का लाभ?


जिले के तहसील गोहपारुअंतर्गत  ग्राम पंचायत  उमरिया मे आये दिन के घरेलु पशुओ  कीअक्समिक मौत को लेकर सनसनी खबर सुुत्तो के माने तो आकाशी बिजली गिरने के नाम से थाना गोहपारु मे दर्जनो प्राथमिकी प्राप्त हुआ है| पशुओ की साधारण  मौत को भी  कुटरचित फर्जी दस्तावेज  तैयार कर पशुपालन  बिभाग गोहपारुअंतर्गत  उप केन्द्र  मे पदस्थ डाक्टर  के द्वारा शासन से प्राप्त  होने बाले छतिपुर्ति  के प्रकरण पंजीबद्ध कर तहसीलदार  गोहपारु  के योर भेजा जाता है वास्तविक में हकीकत क्या है इस पर प्रशासन एक नजर डाले तो पता चले  ममला शासकीय  खजना को खाली करने की सजिस दरअसल छेत्त मे आकस्मिक अकासिय  बिजली दुर्घटना को लेकर प्रशासन  की जाल सजिस तरीके से किसानों एंव पशुपालकों के मिलीभगत से  शासन के राशि को गबन करने का सोची समझी तरीका अपनाया गया है अकाशी बिजली एवं  हिनसतमक वन्य प्राणियों के द्वारा नुकसान व क्षति न करने की स्थिति में भी वन भूमि में लेकर पशुओं को फेंकना और दुर्घटना दिखाना संभावित यह सभी प्रकरण सोची समझी साजिश का हिस्सा हो सकता है|वह एसा व्याक्ति कौन है इस क्षेत्र में जिसके द्वारा सरकार के खजना के राशि को गैर कानूनी तरीके से पशु पालकों तक पहुुचाने बाले अधिकारियो का हिस्सेदारी मे साथ  निभाने के अपना भुमिका बिचौलियो के तरह निभा रहा है|और गैर ईरादतन अपराध के रास्ता से लाभ पहुंचा रहा है  पशुपालन  बिभाग के सहकर्मी जिसे बिल्कुल भी कानून का खौफ नहीं है अभी तक तहसील एवं थाने केअधिकारियों के द्वारा तथाकथित बिचौलियों के खिलाफ  कोई कार्यवाही नहीं किया गया क्या इसी प्रकार प्रशासनिक अधिकारियों का भी हिस्सेदारी बना रहेगा जिस कारण शासन   के राशि को प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा  गैरकानूनी तरीके से आहरण करना शासन के साख पर बट्टा लगाने जैसे कृत्य प्रतीत होता है यह मामला आदिवासीअंचल क्षेत्र का है जिस क्षेत्र से आदिवासी जनप्रतिनिधि विधायक जिला पंचायत सदस्य एवं जनपद सदस्य जैसे प अधिकारियों के ऊपर भी जनता एवं सुशासन व्यवस्था के कार्यशैली पर हजारों सवाल खड़े करते हैं और भविष्य में ऐसे कृत्य का परिणाम जनता से लेकर शासन में बैठे लोगों को भी इसके खामियाजा भुगतना होगा सरकार के खजाना पैसे के अभाव में खाली होता है उस समय जरूरतमंदों को भी परिवार सहायता राशि आकस्मिक क्षतिग्रस्त जय स्थितियों से निपटने के लिए सरकार की कार्यशैली नाकाम साबित होते है यह कोई नई घटना नहीं है जब की पशुओं केआकस्मिक मृत्यु के नाम पर राशि का दुरुपयोग किया रहा हो देखना यह होगा कि ऐसे मामलों पर प्रशासन अपने स्तर पर क्या संज्ञान लेता है और क्या कार्यवाही करता है

Post a Comment

0 Comments