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 शहडोल भास्कर 

राजबहोर यादव 

चोलना में अवैध शराब का अड्डा: शिक्षा के मंदिर के पास नशे का खेल, प्रशासन और नेताओं की भूमिका सवालों के घेरे में

 अनूपपुर जिले के चोलना गांव में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां हायर सेकेंडरी स्कूल के पास अवैध शराब का कारोबार खुलेआम संचालित हो रहा है..? इस नशे के कारोबार को लेकर गांव के लोग लंबे समय से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की चुप्पी और कार्रवाई का अभाव ग्रामीणों को निराश कर रहा है।बच्चों का भविष्य अंधकार में, स्कूल के पास नशे का कारोबार हायर सेकेंडरी स्कूल के बगल में चल रहा यह अवैध शराब का अड्डा बच्चों और युवाओं के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। यह स्थान, जो शिक्षा का केंद्र होना चाहिए, अब नशे का केंद्र बनता जा रहा है। बच्चों और अभिभावकों पर इसका गहरा मानसिक और सामाजिक प्रभाव पड़ रहा है सूत्रों का बड़ा दावा: प्रशासन और नेताओं के संरक्षण में चल रहा कारोबार स्थानीय सूत्रों ने बड़ा दावा किया है कि सुदामा गुप्ता का यह अवैध कारोबार प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय चुने हुए जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में चल रहा है? ग्रामीणों का आरोप है कि बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक नामों के समर्थन के कारण सुदामा गुप्ता इतने लंबे समय से निडर होकर यह काम कर रहा है।शिकायतों पर कार्रवाई का अभाव प्रशासन की मंशा पर सवाल ग्रामीणों ने कई बार जिला प्रशासन और पुलिस को इस अवैध गतिविधि की शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। स्कूल के पास शराब का ठिकाना चलना और शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होना, प्रशासन की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों को। धमकी सच्चाई दबाने की कोशिश इस मामले को उजागर करने वाले  ग्रामीणों को भी निशाना बनाया जा रहा है। हाल ही में हायर सेकेंडरी स्कूल के सामने सुदामा गुप्ता ने दिनदहाड़े एक आम शहरी को गालियां दीं और खुलेआम धमकी दी। यह घटना  किसी ग्रामीण के साथ हमला है।और यह दिखाती है कि सुदामा गुप्ता जैसे लोग कानून को चुनौती देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता पर जनता में आक्रोश ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता से सुदामा गुप्ता जैसे लोग बेखौफ होकर अवैध काम कर रहे हैं। यदि प्रशासन समय रहते इस पर लगाम नहीं लगाएगा, तो यह केवल चोलना ही नहीं, बल्कि पूरे जिले के लिए गंभीर समस्या बन सकता है।अवैध शराब के अड्डे पर तुरंत छापेमारी कर इसे बंद किया जाए निष्कर्ष:क्या प्रशासन जागेगा?

चोलना में चल रहा यह अवैध कारोबार केवल एक कानूनी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह बच्चों के भविष्य, समाज की नैतिकता और कानून के शासन पर सीधा हमला है। यदि प्रशासन और नेताओं ने अब भी आंखें मूंदे रखीं, तो यह उनकी जिम्मेदारी की बड़ी विफलता होगी।

जिला प्रशासन को अब यह तय करना होगा कि वह बच्चों और समाज के हित में कार्रवाई करेगा या इस अवैध कारोबार के संरक्षकों के आगे घुटने टेकता रहेगा। ग्रामीणों एक जुटता यह संकेत देती है कि अब सच दबने वाला नहीं है। जब हमने जिला आबकारी अधिकारी सावित्री भगत से इस संबंध में जानकारी चाहिए तो उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया।

यह खबर सिर्फ एक रिपोर्ट नहीं है, बल्कि प्रशासन के लिए चेतावनी है। अब सवाल यह है कि कार्रवाई कब होगी?

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