शहडोल भास्कर
मामा के बुलडोजर के गुंज से थर-थर कापते थे अपराधी | अब वेखौप होकर फैला रहे आतंक
इंट्रो// शहडोल
खबर मध्यप्रदेश में वह दिन अलग चल रहा हे जब मामा के बुलडोजर की आवाज सुनकर अपराधी थर-थर कापते हुए आत्मसमर्पण के लिए 24 घंटे के अंदर अपनी हाजिरी पुलिस दफ्तर की ओर करते रहे|मामा के राज्य में सुतखोरों के ऊपर जमकर पूरे प्रदेश में तवड तोड़ कार्यवाही हुआ | वही दूसरे योर बात करे मासूमों के साथ दरिंदगी करने बालो के ऊपर मामा ने कंहर बनाकर घर में बुलडोजर चलाने का आदेश देकर कड़ी संदेश दिया था |वह चाहे आदिवासी अंचल शहडोल का मामला हो | रेत माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही हो और चाहे इस्क्रप माफिया व बस संचालक माफिया को भी मामा के कार्यवाही ने मुंह तोड़ जवाब देकर शांति व्यवस्था का परिचय दिया था |आज विगत एक वर्ष पश्चात जिले में चल रहे अवैध कारोबार और कर्मचारियो के ठेकेदारी अफसर शाही को लेकर अब तक हमने मध्यप्रदेश में मामा के बुलडोजर देखा था |:लेकिन आपको बता दे कि डा मोहन यादव के मधुर वाणी को सुनकर अधिकारी भी निडर हो गए हैं आपको कुछ मामला आदिवासी क्षेत्र जनपद पंचायत गोहपारु में एक अलग कानून के किताब के बीच चौसर का खेल चल रहा है वह खेलने वाले और कोई नहीं कलयुग के शकुनी मामा है उसके शिकंजे में जो भी ग्राम पंचायत फसा वह चौसर की गोटी की तरह इधर से उधर चलता रहा| यह निडर पंचायत कर्मी को डा मोहन यादव का कानून की डर रति भर भी नहीं है जो बेखौफ होकर कानून व्यवस्था की मर्यादाओं को कालीक पोतने में लगा हुआ है | जिसके कारनामे और ठेकेदारी के आतंक से तंग आकर ग्रामवासी विकास कार्य को बली चढा दिये है सचिव ने अपने ही पुत्र को ठेकेदार बनाकर बुलडोजर का एक अलग नाम दिया है | जिसे देखकर भी प्रशासन के कानून व्यवस्था उस सचिव के कार्यशैली के सामने नत मस्तक है | गोहपारू में पंचायत ग्रामीण विकास के कार्य के लिए संवेदनशील मुख्य कार्यपालन अधिकारी वेदमणि मिश्रा के अधीनस्थ सचिव विभागीय कार्य में अपने पुत्रो को ठेकेदारी के अभय दान दिया है और अपने परिजनों के नाम पर लाखों रुपये का आहरण भी उन्हीं अधिकारियों के सामने उन्हीं के हस्ताक्षर से यह कानूनी दावपेक्ष खेलकर काली करतूत लिख रहे है जिस से क्षेत्र के जनता उस सचिव के बेखौफ मनसुवे पर पानी फेरने के लिए जिले में बैठे संवेदनशील कलेक्टर श्री तरुण भटनागर एंव पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक के दरवाजे तक अपना दुखड़ा सुनायें लेकिन भला बुलडोजर के बुलंदियों के सामने गरीबों की गुहार को कौन सुनता है|मामला जनपद पंचायत गोहपारु के सचिव के कार्यशैली का खामियाजा देखने को मिल रहा है यह बात अलग है कि इन सभी घटनाक्रम के पश्चात भी जिले के अधिकारी अनजान बनकर विभागीय कार्य के गुणवत्ता और कार्य करने वाले एजेंसी के ऊपर कोई शिकंजा न कसे लेकिन जिस कार्य के लिए शासन उस क्षेत्र के विकास की ओर कदम बढ़ाता है| उस राशि को गैर कानूनी तरीके से आहरण करने का कार्य भी उन्हीं के अधीनस्थ कर्मचारियों के कार्यशैली से किया जाता है |जिससे जनता को मिलने वाली योजना से वंचित रह जाता है और क्षेत्र के विकास अधूरे स्थिति में बना रहता है |चाहे वह पुलिया रपटा या रास्ता के अभाव हो और चाहे ग्रेवल रोड स्कूल बाउंड्री वाल तथा खनिज मद से बनाए जा रहे विभिन्न स्कूल के टपकते छत के मरम्मत जिससे छात्रों को सही स्कूल मिल सके ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायत के ठेकेदारी और जरूरतमंदों की आवश्यकता पूरी करने में जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारी भी अपने क्षेत्र के विकास से कोसों दूर वंचित रह जाते हैं