रेत माफियाओं ने ट्रैक्टर से कुचला कुचलकर राजस्व कर्मी को उतरे मौत के घाट

 शहडोल भास्कर

देर रात तक चलने वाले प्रसन्न सिंह 

 माफियाओ ने खेला खूनी जंग| किस के सह पर चल रहा व्यवसाय अवैध है

अवैध प्रतिबंध के दौरान सुरक्षा की कमी के कारण हुई पटवारी की मौत, जिम्मेदार कौन..?


पुलिस //अधिक्षक कुमार प्रतीक

व्यौहारी// झारखंड के शहडोल जिले में वर्षों से चल रहे हैं|अवैध रेतीले प्लांट को लेकर बिल्डर्स और स्थानीय लोगों के विरोध के बाद भी जिम्मेदार समर्थक के प्रतिनिधि कुंभकर्ण निद्रा पर साझीदार रहे |एक सप्ताह से समाचार मित्रों में प्रकाशित खबरों के आधार और शिकायत इसके बाद अवैध उद्यमियों के खिलाफ आवाज उठाई गई तो प्रशासन कुंभ करणी निद्रा से जग और कार्रवाई के नाम पर छोटे-मोटे माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रहा था। बिना सुरक्षा व्यवस्था के बुधवा गोपालपुर स्थित सोनानदी घाट पर रात के अंधेरे में पुजारियों को बुलाया गया, देर रात सिंह बलिया के वरिष्ठ वकील माफिया रफू चक्कर के दोस्त ने कहा कि वहां मौजूद थे तो तब होता है सहडोल पुलिस विभाग के अधिकारी को बड़ी घटना होने के बाद कार्रवाई के लिए जगजाहिर कर दिया गया है | लेकिन शहडोल पुलिस की पकड़ तब तक बनी हुई है | जब तक पुलिस निदेशक के द्वारा कोई घोषणा नहीं की गई | पेजतंत्र में कानून व्यवस्था और देश के नारे वाले अधिकारियों के चाल चरित्र और चेहरे पर हजारों लोग सवाल उठाते हैं। उत्पाद शुल्क माफियाओं पर प्रतिबंध के लिए क्षेत्र के समुद्री और स्थानीय जन याचिका कर रहे थे| तब तक कोई एक्शन नहीं ले रहा था| शहडोल जिले के अंतिम छोरे ब्यौहारेरी में करीब 5 साल से माफिया इस सरदार से अपना आतंक फैलाए हुए हैं| जिससे आम लोगों का जीना मुश्किल है| कभी-कभी रेत माफियाओं द्वारा स्थानीय लोगों के ऊपर गोलियाँ चलाई जाती हैं और कभी-कभी आश्रमों के ऊपर के घाटों पर कर्मचारियों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। अधिकारियों का बली माफियाओं के बीच कब तक चढ़ती रहेगी |और गिरोह पर आधारित रेत माफिया कांस्टेंट छोटी नदियों का सीना चीर कर छलनी करते हुए रेत माफिया के साथ गुट के बीच लोकतांत्रिक तंत्र का भी सहारा दिखाई दे रहा है | ऐसा माना जा रहा है कि स्थानीय पुलिस एवं जिला प्रशासन खनिज विभाग के अधिकारियों के मिली भगत से पूरे जिले में दंगा माफिया अवैध तरीके से रेत को सामान्य तटबंध पर जा रहे हैं| जिला प्रशासन परिवार को अच्छा ही लगता है एक पटवारी की कमी लेकिन उसके लोगों के बीच से बाल और परिवार के मुखिया की अनुपस्थिति में साया उठने के बाद रेत की यह काली कमाई वाले अधिकारी शहडोल में एक सामान्य रूप से जीवन जी रहे हैं जीत वाले प्रोजेक्ट के लिए जीना मुश्किल दिखाई दे रहा है |कलेक्टर शहडोल श्रीमती विंद वैद्य के शहडोल पद पर स्थापित जिले की कानून व्यवस्था की अगर बात की जाए तो आम लोगों के लिए मुश्किल पेश आ रही है|जब जिले के मुखिया समाज जनता पर जिले में बड़े पैमाने पर अवैध माफियाओं के काम में हजारों सबले बने हुए हैं, इस पर रोक लगाने के लिए पुलिस और जिला मजिस्ट्रेट का फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है.. ? माफिया के खिलाफ पुलिस ने की 302 की कार्रवाईयही कारण है कि ग्राउंड लेवल के अधिकारी जब कटान करने वाली जगहों पर जाएंगे तो क्या और रोजाना माफियाओं के हत्थे बली चढ़ते हुए गोपालपुर स्थित सोनघाट के पास पटवारी की मौत के बाद अधिकारी अपना जवाब देही और माफियाओं को सजा सुनाते रहेंगे लेकिन यह क्या सुरक्षा के बीच हुआ तो एक राजस्व मंत्रालय की मृत्यु नहीं हुई | प्रशासनिक उद्योग और रेत माफियाओं को छूट देने के कारण जिले में अवैध खनन तेजी से बढ़ रहा है | और भी रिटेल माफियाओं को पकड़ने का काम कर रहे हैं| प्रशासन को इस घटना से हैरानी हुई कि ऐसी ही एक कहानी सामने आ रही है | लेकिन जिस परिवार के ऊपर माफियाओं ने अपने छोटे-छोटे बच्चों और परिवारजनों से एक बार बात की तो उन्हें लगा कि रात में काली कमाई हो गई है। -किन लोगों के शेयरहोल्डिंग एक पटवारी राजस्व का जन डेक भुगतान किया यह मामला बुढ़वा व्यौहारी का है जहां मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बड़े-बड़े माफियाओ के किंगपिन अपने गंतव्य क्षेत्र के आम जनता और छोटे अधिकारी कर्मचारियों को धमाका कर गैरकानूनी कृत्यों को अंजाम दे रहे हैं और जब कोई बड़ी घटना घटने के बाद जिला प्रशासन जागकर कार्यवाही करता है तो उसके नाम पर सुनवाई करता है


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