रामपुर बटूरा कोयला खदान में अवैध परिवहन के द्वारा किए जा रहे कोयले की बड़े मात्रा पर चोरी

 प्रबंधन व सुरक्षा कर्मी की मिलीभगत से लाखो का कोयला चोरी, खदान बना चोरों का ऐशगाह

शहडोल भास्कर

विजय पंडा







शहड़ोल जिले के एसईसीएल के सोहागपुर क्षेत्र की लाइफ लाइन कहे जाने वाला मेगा प्रोजेक्ट रामपुर बटूरा कोयला खदान चोरों का ऐसगाह तो बना ही है लेकिन जिन्हें सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है उनकी कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है या फिर यह कहना भी अतिशयोक्ति न होगा की सुरक्षाकर्मियों की मौन सहमति चोरों के साथ हैं शाम ढलते ही रोजाना लाखों-करोड़ों का काला हीरा रामपुर खदान से पार करने वाले स्थानीय कोल माफियाओं के कारनामे ना सिर्फ औद्योगिक  सुरक्षा बल के जवानों की तरफ अपनी और उनकी सांठगांठ का इशारा करते हैं बल्कि कोयले के  इस काले खेल में सब एरिया मैनेजर गोपाल टेक्निकल इंस्पेक्टर सीएल पटेल एवं सुरक्षाकर्मी तथा स्थानिक कोल माफिया की चौकड़ी जहां रोजाना लाखों कोयला पार करवाकर न सिर्फ चांदी काट रही है बल्कि अपना ठीकरा भी ओबी  हटाने वाली कंपनी ढोलू कंस्ट्रक्शन पर फोड़ रही है जबकि इस पूरे मामले से ढोलू कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक प्रमोद सिंह का दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है कंपनी का काम सिर्फ मिट्टी हटाकर मैनेजमेंट को दे देना है कोयला निकालने का पूरा काम कालरी प्रबंधन का होता है लेकिन कोयला पार कराने वाले सक्षम शातिर चौकड़ी ने प्रशासन का अपनी ओर से ध्यान हटाने के उद्देश्य से पूरा ठीकरा कंपनी के संचालक प्रमोद सिंह के ऊपर ना सिर्फ फोड़ रहे हैं बल्कि उनके ऊपर अनर्गल आरोप लगाकर उन्हें बदनाम भी कर रहे हैं। कुछ लोगो का उल्लू सीधा न होते देख किसी का कारनामा किसी और के ऊपर फोड़ने का काम किया जा रहा हैं जबकि साफ साफ पुरी तरह नजर आ रहा हैं कि यह कोयला चोरी कौन किसके शह पर हो रहा हैं। जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे है और लोग मिलीभगत करके करोड़ो का वारा न्यारा कर रहे है। ऐसा नही है कि जो खेल वहाँ पर चल रहा हैं उसके बारे में प्रबंधन को जानकारी न हो उसके बाद भी जिम्मेदार कुछ नही कर पा रहे है। जिससे यह तो साफ हो जा रहा हैं कि सब कुछ सोची समझी चाल हैं।

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