अपर कलेक्टर हिमांशुचंद्र के स्थानांतरण जनप्रतिनिधियों के शिकायत का बना मोहरा |ब्यूरोक्रेट्स के ऊपर अंकुश

 शहडोल भास्कर 


शहडोल भास्कर 

सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियो ने अपने ही सरकार के अपर कलेक्टर|एवं मुख्यकार्यपालन अधिकारी के ऊपर| सुबे के मुखिया श्री शिवराजसिंह चौहान से किया गया शिकायत 

शहडोल// बिगद दिवस शहडोल में सुबे के मुखिया श्री शिवराजसिंह चौहान के आगमन शहडोल से नागपुर रेल सेवा को हरी झंडी दिखाने के लिए कार्यक्रम में सम्मिलित हुए थे|इस दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास के कार्य को प्रभावित देखकर जिले के चुने हुए जनप्रतिनिधि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती प्रभा मिश्रा और जिला उपाध्यक्ष श्रीमती फुलमती सिंह के साथ में जिला पंचायत सदस्यों ने अपर कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शहडोल श्री हिमांशुचंद्र का एक लिखित शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के हाथों में सौपा गया जिसे लेकर प्रदेश के मुखिया ने भारतीय जनता पार्टी से ताल्लुक रखने वाले एवं चुने हुए जनप्रतिनिधियों के पत्र पर गंभीरता दिखाते हुए 24 घंटे के अंदर मुख्य कार्यपालन अधिकारी शहडोल को स्थानांतरण कर सचिवालय मेें सचिव का प्रभार सौपा गया |और शहडोल के बिकास को दृष्टिगत रखते हुए सुशासन व्यवस्था को बनाए रखने के लिए नया जिला पंचायत सी ई ओ का नियुक्ति किया गया सू्त्तो का माने मामला जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बीच का मुख्यकार्यपालन अधिकारी से तालमेल को लेकर लम्बे समय से चले आ रहे बिवाद को लेकर सुत्तो की माने..? मुख्यकार्यपालन अधिकारी अपने प्रशासनिक कार्य क्षमता और प्रशासनिक सेवा को लेकर निष्ठा पूर्वक विभागीय जवाब देही के साथ कार्य का संचालन किया जाता था|और बैठको और प्रभावित कार्यों को लेकर योजना बार जनप्रतिनिधियों से सामंजस का सकारात्मक पहल करने के लिए कुशल प्रशासनिक कार्य क्षमता का उपयोग कर रहे थे |मुख्यकार्यपालन अधिकारी के कार्यशैली पर सवाल उठाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए एक अधिकारी सवाल बनकर रह गया है विकास की गति का परिधि को रोक देता है जबकि प्रदेश में सरकार की प्रशासनिक  कार्यसेवा रिपोर्ट कार्ड  सौपने की जिम्मेदारी प्रशासक के कार्य व्यवहार से असंतुष्ट जनता के नायकों को विश्वास अपने ही प्रशासनिक अधिकारियों के ऊपर नही था एसे ही मामले के बीच आरोप प्रत्यारोप लगाकर हटाने का चुनावी अवसर तलाशते हैं जमीनी हकीकत अवसर का दौर चल पडा हैै जिस का लाभ भी मौका मिलते ही उठा रहे है|भारतीय लोकसेवाआयोग 2014 बैच के आई ए एस के ऊपर जनप्रतिनिधियों को परेशान  करने और प्रताड़ित करने का आरोप  शिकायत  पत  में उल्लेख किया गया है  लगाये गये आरोप  सच्च है? तो पूर्व समय में जिले कें संवेदनशील कलेक्टर को कोई शिकायत पत्र नहीं दिया गया था यह भी एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है मामला प्रशासनिक कार्य व्यवहार का नहीं है अपने ही सरकार की प्रशासनिक अधिकारियों को हटाने का यह शिकायत पंचायत ग्रामीण विकास में कार्य करने वाले सचिव एवं रोजगार सहायक अपने जिले के संवेदनशील मुखकार्यपालन अधिकारी के कार्य व्यवहार से संतुष्ट रहे| और विकास के कार्य को समय-समय पर विभागीय बैठकों के दौरान संतुष्ट पूर्ण जवाब देही से कार्य कराया जाता रहा मुख्यकार्यपालन अधिकारी हिमांशुचंद्र का अगर माने तो शहडोल में 2 वर्ष रहने के दौरान प्रशासनिक अधिकारी एवं जिले के संवेदनशील कलेक्टर की सहयोग प्रशासनिक अधिकारियों साथ कार्य करने का अनुभव अच्छा रहा| और यहां के पत्रकारों तथा जनप्रतिनिधियों की ओर से मुझे कभी कोई शिकायत नहीं रहा और ना ही मैंने कभी किसी को शिकायत के लिए समय दिया ग्राम पंचायत के सचिव और रोजगार सहायकों से इस संबंध में प्रत्यक्ष रूप से उनका मत जाना गया तो काहे मुुख्यकार्य पालन अधिकारी का कार्य व्यवहार शहडोल के लिए बहुत ही सराहनी रहा इसके बावजूद पंचायत ग्रामीण विकास के कार्य प्रगति पर नहीं था इसका मूल्यांकन करना और आगे बढ़ने का जिम्मेदारी प्रशासनिक व्यवस्था और जनप्रतिनिधियों का सहयोग माना जाता है लेकिन शहडोल के विकास की कहानी कि अगर बात करें तो सभी कार्यों में ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देने वाले गणमान्य नागरिक के ऊपर आरोप प्रत्यारोप के दौरान हटाने का यह मुहिम इसके पूर्व भी चले आ रहा.है इसी कारण शहडोल से संवेदनशील पुलिस अधीक्षक श्री अवधेश गोस्वामी का स्थानांतरण तत्काल  किया था मामला शहडोल के विकास कि अगर बात करें तो अंतिम छोड़ में बैठे नागरिकों के लिए सरकार योजनाओं से भर देता है लेकिन आदिवासी अंचल जिला होने के कारण ग्राम पंचायतो में ठेकेदारी के कारण विकास कार्य में बधा बनकर रह जाता है| और शासन के राशि को हिस्सेदारी मानकर अच्छे कार्य करने वाले अधिकारियों के ऊपर आरोप प्रत्यारोप का दौरा चलता रहता है शहडोल से हटाए जाने के बाद प्रशासनिक गड़बड़ घोटाला करने वाले अधिकारी को सेवा से पृथक करने का आवश्यकता रहा लेकिन सवालों के घेरे में है शिकायत पत्र या अधिकारी के कार्य क्षमता इस पर जांच होना चाहिए और दूध का दूध और पानी को अलग आरोपी पर विचार करने की आवश्यकता है

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